बेसिक टीचर्स की समर वैकेशंस की लगी वाट

कहीं पिया से दूरी तो कहीं हॉलीडे प्लानिंग की वाट लगा दी है बेसिक शिक्षा विभाग ने। बेसिक शिक्षक इस बार अपनी समर वैकेशन अपनी मर्जी से प्लान नहीं कर पाएंगे। इसकी वजह नगर शिक्षा अधिकारी की ओर से निकाला गया आदेश है, जिसमें कहा गया है कि निकाय चुनाव के मद्देनजर कोई भी शिक्षक मुख्यालय छोड़कर नहीं जा सकता है। अब समस्या यह है कि जिस किसी टीचर ने फै मिली हॉलीडे की प्लानिंग की थी, वह सब अब पॉसिबल ही नहीं है। वहीं कुछ टीचर्स के तो घर ही दूसरे जिलों में हैं या कुछ महिला टीचर्स के   हसबैंड दूसरे जिलों में जॉब करते हैं, ऐसे में कोई भी अपने घर नहीं जा सकता है। अब टीचर्स के सामने मजबूरी यह है कि जॉब करनी है तो विभाग के आदेशों का पालन भी करना ही होगा।

               ये कैसा आदेश

केस 1

पूनम वर्मा के हसबैंड गाजियाबाद में पोस्टेड हैं। उनकी शादी को भी अभी केवल छह महीने ही बीते हैं। पूनम ने बताया कि उनकी शादी सेशन के बीच में हुई थी, इसलिए वह गाजियाबाद में पति के साथ ज्यादा दिन रह भी नहीं पाईं थी। सोचा था कि समर वैकेशंस में जाकर ही नए फ्लैट में शिफ्ट हो जाएंगे। ताकि कभी भी छुट्टी के मौके पर वह गाजियाबाद जा सकें। पर अब ऐसा नहीं हो पाएगा।

केस 2

प्रियंका यादव के हसबैंड इलाहाबाद में पोस्टेड हैं। उन्होंने बच्चों के साथ समर वैके शंस में हॉलीडे टूर और हसबैंड के साथ ही फुर्सत के कुछ लम्हें बिताने की प्लानिंग की थी। पर एनएसए का आदेश आने के बाद तो सारी प्लानिंग पर पानी फिर गया है। प्रियंका कहती हैं कि सबसे ज्यादा तो बच्चों का मूड खराब हो गया है इस आदेश के बाद। पर क्या करें जॉब तो करनी ही है।

केस 3

 देवी प्रजापति का घर रामपुर में है। इस समय उनके पैर में फ्रैक्चर हुआ है। ऐसे में उन्हें घर जाकर आराम करने की जरूरत है। पर आदेश के बाद वह यहां से बाहर नहीं जा सकती हैं। मजबूरी में वह एक दूर के रिश्तेदार के घर में रह रही हैं। कहती हैं कि बच्चे भी छुट्टी में घर पर साथ में रहते हैं तो अच्छा लगता है पर इस बार तो पूरी छुट्टियां ही बर्बाद हो जाएंगी।

केस 4

महजवी खानम ने इस समर वैकेशंस में फैमिली के साथ अजमेर शरीफ जाने का प्लान किया था। उन्होंने बताया कि इसके अलावा वह समर वैकेशंस में मायके जरूर जाती हैं। उनका मायका अमरोहा में है। पर इस बार इस आदेश के बाद मायके भी नहीं जा पाएंगी। इससे सबसे ज्यादा प्रॉब्लम बच्चों को हो रही है जो काफी दिनों से टूर के लिए इंतजार कर रहे थे।

केस 5

पूनम गंगवार ने वैके शंस में फैमिली के साथ हिल स्टेशन पर जाने की प्लानिंग की थी। पर इस नए आदेश के बाद तो पूरी प्लानिंग पर ही पानी फिर गया है। पर जॉब करनी है तो आदेश का पालन तो करना ही होगा। अब कर भी क्या सकते हैं। पर इस आदेश ने छुट्टी तो बर्बाद कर ही दी है। अब हम यहां बंधकर ही रह जाएंगे। अच्छा होता कि हॉलीडे में कु़छ घुमाई हो जाती।

केस 6

जहां आरा के हसबैंड अजमेर में जॉब करते हैं। ऐसे में वह वैकेशंस में तो उनके पास ही रहती हैं। पर इस वैकेशंस में पति-पत्नी को बेसिक शिक्षा विभाग के आदेश के बाद तो अलग-अलग ही रहना होगा। उनका कहना है कि जब चुनाव होंगे तो हमें सूचना देकर वापस बुलाया जा सकता है पर जब अधिसूचना ही जारी नहीं हुई है तो इस आदेश का क्या तात्पर्य।

समर वैकेशंस में मुख्यालय न छोडऩे का आदेश व्यवहारिक नहीं है। हमने जानक ारी ली है अन्य किसी भी जिले में ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। संघ ने एनएसए से मिलकर विशेष परिस्थितयों में मुख्यालय छोडऩे की अनुमति देने की मांग की है।

-हरीश बाबू शर्मा, मंत्री, प्राथमिक शिक्षक संघ

मुझे ऐसे किसी भी आदेश की जानकारी नहीं है। आपने बताया है तो एनएसए से इस संबंध में जानकारी लेने के बाद ही कुछ कह सकता हूं।

-योगराज सिंह, बीएसए

हाँ मैंने छुट्टियों के दौरान बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों व कर्मचारियों को मुख्यालय न छोडऩे का आदेश जारी किया है। दरअसल, निकाय चुनाव के मद्देनजर ऐसा किया गया है। अगर चुनाव के दौरान शिक्षकों व कर्मचारियों की आवश्यकता होगी तो उनसे संपर्क करना मुश्किल हो जाएगा।

-लालमणि मिश्रा,नगर शिक्षा अधिकारी