वाशिंगटन (रॉयटर्स)। अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए का मानना ​​है कि सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने इस्तांबुल में पत्रकार जमाल खशोगगी को मारने का आदेश दिया था। इस मामले से जुड़े एक सूत्र ने शुक्रवार को इस बात की जानकारी दी। सूत्र ने कहा कि सीआईए ने अमेरिकी सरकार के अन्य हिस्सों को इस मामले में एक विस्तृत रिपोर्ट दी। सीआईए की रिपोर्ट सऊदी सरकार के दावों के विपरीत हैं, जिसमें कहा जा रहा था कि राजकुमार मोहम्मद इस हत्या में शामिल नहीं थे। हालांकि, व्हाइट हाउस और विदेश विभाग दोनों ने ही इस विषय पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है।

तुर्की ने भी कहा मारने का उच्चतम स्तर से आया
59 वर्षीय अनुभवी पत्रकार, जमाल खाशोग्गी 2 अक्टूबर को इस्तांबुल में सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास में प्रवेश करने के बाद गायब हो गए थे। वे वहां अपने तलाक के दस्तावेजो को लेने के लिए गए थे। सऊदी सरकार ने शुरू में कहा था कि वह पीछे के दरवाजे से वाणिज्य दूतावास से निकले थे लेकिन वैश्विक आक्रोश के बाद सऊदी अरब ने स्वीकार किया कि उनके एजेंटों ने खशोग्गी को मार दिया। तुर्की का कहना है कि हत्या सऊदी की एक टीम द्वारा की गई थी, जो उसी इरादे से इस्तांबुल आये थे। राष्ट्रपति रेसेप तय्यिप एर्डोगन ने कुछ समय पहले कहा था कि पत्रकार को मारने का आदेश रियाद सरकार के "उच्चतम स्तर" से आया था। हालांकि, उन्होंने इस मामले में क्राउन प्रिंस को सीधे तौर पर दोषी नहीं ठहराया।

तुर्की ने कहा, सऊदी सरकार के सबसे बड़े स्तर ने दिया लेखक को मारने का आदेश

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