-चिकनगुनिया पर विराम नहीं, बढ़ रहे केस
-बुखार के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी
Meerut। मौसम में आई ठंडक से डेंगू का वायरस डाउन पड़ गया है। यही कारण है कि पिछले एक हफ्ते में डेंगू के मामलों में कमी देखने को मिली है। हालांकि चिकनगुनिया का प्रकोप आज भी सिर चढ़ कर बोल रहा है। जिसमें सबसे अधिक परेशानी का कारण बॉडी में पेन बना हुआ है।
एक हफ्ते में डाउन हुआ डेंगू
तारीख डेंगू चिकनगुनिया
01 अक्टूबर - 2 23
02 अक्टूबर - 4 13
03 अक्टूबर - 1 8
04 अक्टूबर - 2 26
05 अक्टूबर - 2 5
06 अक्टूबर - 4 18
07 अक्टूबर - 4 22
08 अक्टूबर - 2 20
दर्द का रहा बेहाल
डेंगू का खौफ और चिकनगुनिया का असहनीय दर्द लोगों का दम निकाल रहा है। शरीर में अजीब तरह का असहनीय दर्द पैदा करने वाला यह बुखार स्वास्थ्य विभाग के लिए भी आफत बन गया है। विभाग के पास बुखार का तो इलाज है, लेकिन दर्द का कोई स्थाई उपचार नहीं है।
अपना खास ख्याल रखें
तो न लें पेन किलर
डॉक्टर्स की मानें तो चिकनगुनिया में कोई भी पेन किलर लेने से पूर्व प्लेटलेट्स चेक कराएं। यदि प्लेटलेट्स डाउन हैं तो पेन किलर से परहेज रहीं रखें।
कहीं ठहर न जाए दर्द
चिकनगुनिया लंबे समय तक पीड़ादायक रोग है। हेल्थ डिपार्टमेंट के मुताबिक 5 प्रतिशत लोगों में 10 सालों तक दर्द ठहर जाता है, जबकि 20 प्रतिशत लोगों में यह दर्द 10 सालों तक भी ठहर सकता है।
फिजियोथैरेपी कराएं
जिला अस्पताल के सीनियर फिजीशियन डॉ। सुशील कुमार ने बताया कि चिकनगुनिया के मरीजों से दर्द कंप्लीट रूप से नहीं जा पाता। हालांकि फिजियोथैरिपी आदि कुछ उपायों से इस दर्द को हल्का किया जा सकता है।
बढ़ाए इम्यूनिटी पावर
डॉक्टर्स के अनुसार इम्यूनिटी सिस्टम को स्ट्रॉंग करके दर्द की पीड़ा को कम किया जा सकता है। जबकि इम्यूनिटी वीक होने पर चिकनगुनिया अधिक प्रभावी हो जाता है। ऐसे में इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए गिलोय, तुलसी व अदरक आदि के सेवन का घरेलू व देशी उपाय किया जा सकता है।
न लें एस्प्रिन --
चिकनगुनिया रोग में रोगी को असहनीय दर्द होता है। ऐसे में इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाने के उपाय करने चाहिए। एस्प्रिन न लें।
-डॉ। एसके गुप्ता, सीनियर फिजिशियन, जिला अस्पताल
-------
सिकाई से करें परहेज
मरीज डॉक्टर की सलाह के बिना कोई दवा न ले। जोड़ों के दर्द में सिकाई बिल्कुल न करे। चेहरा लाल पड़ने पर घबराए नहीं।
-डॉ। तनुराज सिरोही, सीनियर फिजिशियन
मौसम के साथ चिकनगुनिया का असर भी कम हो जाएगा। बुखार के लिए पैरासिटामोल दी जाती है, जबकि पेन किलर देने से बचा जाता है। दर्द धीरे-धीरे जाता है।
-डॉ। योगेश सारस्वत, डीएमओ