-यूपी बोर्ड के साथ आईएससी के एग्जामिनर्स ने प्रै1िटकल में मा1र्स देने में दि2ाई दरियादिली

-ज्यादातर को मिले दोनों स4जे1ट में फुल मा1र्स, एवरेज मेंटेन करने में बना सहायक

प्रै1िटकल में मा1र्स देने में यूपी बोर्ड के एग्जामिनर रहे हों या फिर आईएससी के, 2ाूब दरियादिली दि2ाई है। यही कारण है कि थ्योरी के मा1र्स में 57 से 62 फीसदी के बीच अटके छात्रों का फिजि1स और केमेस्ट्री में टोटल मा1र्स 95 फीसदी के ऊपर चला गया है। एक और 2ास बात यह है कि यूपी बोर्ड की मार्कशीट में फिजि1स और कमेस्ट्री (जितनी मार्कशीट आई ने1स्ट द3तर तक पहुंची हैं) में एवरेज मार्किंग हैं। किसी को पहले पेपर में 26 और दूसरे पेपर में 28 मिला है तो किसी में यह आंकड़ा उलट गया है। मार्कशीट की चेकिंग से तो यही सच निकलकर सामने आता है।

थ्यौरी में 700%, प्रैक्टिकल में फुल मा‌र्क्स

आई नेक्स्ट ने टॉपर स्टूडेंट्स की मार्कशीट को एनालाइज किया तो कुछ ऐसे ही फैक्ट्स सामने आए। यूपी बोर्ड ने थ्योरी में 50 मा‌र्क्स पाने वाले छात्र को भी प्रैक्टिकल में हंड्रेड परसेंट मा‌र्क्स दिए हैं। 66 नंबर पाने वाले को भी प्रैक्टिकल में 30 में 30 मार्क मिला है। इससे स्टूडेंट की मेरिट सब्जेक्ट में 96 परसेंट पहुंच गई है। एक्सेप्शन स्टूडेंट् ही ऐसे हैं जिन्हें थ्योरी में 90 और प्रैक्टिकल में 100 परसेंट मा‌र्क्स मिले हैं। फिजिक्स्ट का हाल भी कुछ ऐसा ही है। यहां तो थ्योरी में 50 नंबर पाने वाले को भी प्रैक्टिकल में 30 नंबर मिला है। फिजिक्स सब्जेक्ट की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। यहां भी थ्यौरी की एवरेज मार्किंग 75 परसेंट से नीचे है और प्रैक्टिकल में हंड्रेड परसेंट नंबर मिले हैं।

एडमिशन में मिल जाएगा लाभ

इसका फायदा स्टूडेंट्स को एडमिशन के दौरान ज्यादा मिलेगा। एक्युअली आईआईटी, एनआईटी और एआईपीएमटी का कटऑफ डिक्लेयर करते समय इंटरमीडिएट के मा‌र्क्स भी एड किए जाते हैं। इंजीनियरिंग में एडमिशन के लिए फिजिक्स्ट कमेस्ट्री और मैथ्स के मा‌र्क्स जोड़े जाते हैं तो एआईपीएमटी में बायोलॉजी का मा‌र्क्स जुड़ता है। ग्रेजुएशन कोर्सेस में एडमिशन के समय भी इन मा‌र्क्स का बेहद अहम रोल होता है जो स्टूडेंट्स को मेरिट में स्थान दिलाते हैं।