- जेल में बंद अपराधी धड़ल्ले से चला रहे हैं मोबाइल

-सोशल मीडिया पर अपलोड कर रहे अपनी फोटो, अपराध को दे रहे अंजाम

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जिला जेल में बंदी खूब मजे कर रहे हैं। सलाखों के पीछे हर रोज दारू-बीयर, चिकन-मटन की पार्टी हो रही है। बकायदा इसकी फोटो फोसबुक पर पोस्ट हो रही है। किसी को धमकी देने के लिए, गिरोह को संचालित करने के लिए वाट्सएप की सुविधा भी है। ऐसा हम नहीं कह रहे हैं सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे बंदियों के फोटो इसकी गवाही दे रहे हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि क्रिमिनल्स जेल के अंदर धड़ल्ले से मोबाइल का उपयोग कर रहे हैं। इसका खुलासा पूर्व में डीएम-एसएसपी के औचक निरीक्षण में भी हो चुका है। सूत्रों की माने तो जेल में हर चौथे बंदी के पास स्मार्ट फोन और तीन से चार सिमकार्ड भी है।

फोटो हुई वायरल

हत्या का प्रयास, लूट, रंगदारी जैसे गंभीर अपराध के आरोप में जेल बंद बदमाशों का फेसबुक एकाउंट अपडेट हो रहा है। उसपर ही जेल के अंदर की एक फोटो वायरल हो गयी। इसमें जेल में अवैध रूप से मिलने वाली सुविधाएं साफ तौर पर नजर आ रही हैं। तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद बंदी ने अपने फेसबुक एकाउंट से उक्त फोटो को हटा लिया है लेकिन दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के पास यह एक्सक्लूसिव तस्वीरें पहुंच गई। जौनपुर निवासी राहुल सिंह राजपूत के फेसबुक एकाउंट पर चार बंदियों की जेल के बैरक नंबर दो में खींची गई फोटो 13 अक्टूबर की शाम पांच बजकर 46 मिनट पर अपलोड हुई थी, जिसे 312 यूजर्स ने लाइक किया है, 142 कमेंट और दो शेयर भी हुए है। मगर कुछ ही घंटे के बाद फोटो को एफबी एकाउंट से हटा लिया गया था।

कई बदमाश एक साथ

बैरक के अंदर खीची गई तस्वीर में जौनपुर का राहुल सिंह राजपूत है, जिसे कुछ माह पूर्व मुगलसराय कोतवाली पुलिस ने एक व्यापारी से रंगदारी मांगने के मामले में अरेस्ट कर जेल भेजा था। दालमंडी का बदमाश मेराज खान साथ में है। वह हत्या के प्रयास के मामले में जेल में है। बीते दिनों सारनाथ में कैलाश यादव पर फायरिंग करने का आरोपी आशीष सिंह सोनू और चंदौली जिले के सकलडीहा का बदमाश आशुतोष पांडेय भी है फोटो में हैं। हालांकि राहुल सिंह राजपूत और आशीष सिंह सोनू को बेल मिल गयी है।

कैसे पहुंच रहा मोबाइल

सवाल यह है कि बंदियों के पास स्मार्ट फोन कहां से पहुंचा? जबकि जेल के अंदर आलाधिकारियों का इंस्पेक्शन भी होता रहता है। बावजूद अपराधियों के पास मोबाइल पहुंच जा रहा है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि जेल के अंदर बैठकर बंदी फेसबुक-व्हाट्सएप के जरिए अपराध को अंजाम दे रहे हैं।

क्षमता से तीन गुना है बंदी

पूर्वाचल की जेलों में सबसे अधिक संवेदनशील बनारस के चौकाघाट स्थित जिला जेल की क्षमता लगभग सात सौ बंदियों की है। लेकिन मौजूदा समय में दो हजार से अधिक बंदी जेल में निरूद्ध है। जिससे आए दिन अराजकता की स्थिति बनती है। कई बार जेल में बवाल हो चुका है।