-अल्पसंख्यक युवाओं को नौकरी देने के लिए सीखो कमाओ योजना की हुई है शुरुआत

-ट्रेनिंग के लिए सोसाइटी फार चैरिटी ओब्लीगेशन टेक्नोलॉजी का हुआ है चयन

-हुकुलगंज में निरीक्षण को पहुंचे अधिकारी तो सेंटर का ही नहीं चला पता

VARANASI

एक योजना के तहत चयनित ट्रेनिंग सेंटर के निरीक्षण के लिए मौके पर पहुंचे जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के सामने उस समय अजीबोगरीब स्थिति उत्पन्न हो गई जब उन्हें उस स्थल का पता ही नहीं चला। खोजते खोजते सुबह से शाम हो गयी लेकिन सेंटर के संचालक तक के बारे में कोई बता नहीं सका। इसके बाद वह करते क्या थक हारकर लौट गए। इसी क्रम में मंगलवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने भी मौके पर पहुंचकर तहकीकात की तो उसे भी संस्था लापता मिली।

ताकि जुड़ें मुख्य धारा से

दरअसल अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय की ओर से अल्पसंख्यक युवकों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए सीखो और कमाओ योजना शुरू की गई है। इसके तहत अल्पसंख्यक वर्ग के युवाओं को बाजार की मांग के अनुसार विशेष ट्रेनिंग देने की प्लानिंग की गई है। खासतौर से मदरसों में शिक्षा प्राप्त करने वालों को उनकी रुचि और क्षमता के अनुसार रोजगारपरक प्रशिक्षण द्वारा प्रशिक्षित करना और उनका प्लेसमेंट देश के विभिन्न संस्थानों में कराना है। इस योजना के तहत अल्पसंख्यक जैसे मुस्लिम, सिख, जैन, ईसाई, पारसी, बौद्ध समुदाय के लोग पढ़ाई के साथ कमाई भी कर सकते हैं। इस योजना का लाभ वही पा सकता है, जिसकी आयु 14 से 35 वर्ष हो और कक्षा-5 पास।

13 जिलों में 25 सेंटरों का चयन

अल्पसंख्यक कल्याण उत्तर प्रदेश ने सीखो और कमाओ योजना को संचालित कराने के लिए रामपुर, लखनऊ, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, बरेली, फतेहपुर, अलीगढ़, इलाहाबाद, कन्नौज, बागपत, इटावा, वाराणसी और मुजफ्फरनगर में 25 सेंटर्स का चयन किया, इनमें वाराणसी के हुकुलगंज स्थित सोसाइटी फार चैरिटी ओब्लीगेशन टेक्नोलॉजी एंड ट्रेनिंग भी शामिल है।

हुकुलगंज पहुंचे, पर कुछ नहीं मिला

तीन जनवरी को शासनादेश आने के बाद बनारस के इसी सेंटर के निरीक्षण के लिए जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी हुकुलगंज पहुंचे थे। सीखो और कमाओ योजना के तहत ट्रेनिंग देने के लिए चयनित इस संस्था के बारे में पता करने के लिए संबंधित अधिकारी अपने सहयोगी के साथ जब नई बस्ती पहुंचे तो वहां उन्हें यह संस्था ही नहीं मिली। आदेश पत्र में इस संस्था का पता है, लेकिन सम्पर्क नम्बर नहीं है। इसलिए जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी रमेश चन्द्र ने रजिस्ट्री के जरिए पत्र भेजकर संस्था के मालिक पंडित अनंत पांडेय से सम्पर्क करने का प्रयास किया। एक सप्ताह बीत गया, लेकिन किसी ने सम्पर्क नहीं किया।

वर्जन

हुकुलगंज स्थित सोसाइटी फार चैरिटी ओब्लीगेशन टेक्नोलॉजी एंड ट्रेनिंग के निरीक्षण के लिए मैं अपने सहयोगी के साथ आदेश में अंकित पते पर पहुंचा। सुबह से शाम हो गया, लेकिन सेंटर का कोई अता-पता नहीं चला। इसके बाद पत्र के जरिए सेंटर के संचालक से सम्पर्क का प्रयास किया, लेकिन मुझसे अभी तक किसी ने सम्पर्क नहीं किया है।

-रमेश चंद्र, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी