587
कुल पोलिंग सेंटर बनाए गए थे बाराणसी लोक सभा क्षेत्र में
140
मॉडल बूथ भी मतदाताओं को बूथ तक लाने के उद्देश्य से बनाए गए थे
05
पिंक बूथ भी बनाए गए थे महिलाओं की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए
10
हजार रुपये सबसे कम एक बूथ पर किया गया था खर्च
70
हजार रुपये सबसे अधिक गुरुधाम कालोनी बूथ पर किया गया खर्च
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करोड़ों खर्च करने के बाद भी रविवार को महज 56.97 प्रतिशत मतदान ही करा सका प्रशासन
लगातार अवेयरनेस प्रोग्राम्स के बाद भी मतदाताओं को घर से निकालने में विफल रहे सभी प्रयास
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VARANASI
वाराणसी संसदीय सीट पर रविवार को 56.97 प्रतिशत मतदान हुआ. ये 2014 में हुए वोटिंग से भी कम रहा. हालांकि स्वीप के तहत पूरे जिले में शत-प्रतिशत मतदान के लिए दो माह तक जन-जन को जागरूक किया गया. वोटरों को बूथ तक लाने के लिए नये-नये प्रयोग किए गए. मॉडल और पिंक बूथ भी बनाए गए. बूथ की साज-सज्जा पर करोड़ों रुपए खर्च भी हुए, लेकिन फिर इतना मतदान भी नहीं कराया जा सका कि टॉपर न सही फर्स्ट डिविजन के ही नंबर आ जाते.
मॉडल और पिंक बूथ फेल
वाराणसी संसदीय क्षेत्र में कुल 587 पोलिंग सेंटर बनाए गए थे. इसमें 140 मॉडल और पांच पिंक बूथ शामिल थे. शहर की तमाम सामाजिक संस्थाएं और प्रमुख प्रतिष्ठानों ने 140 मॉडल और पांच पिंक बूथों को गोद लिया था. इनकी साज-सज्जा पर कहीं दस, कहीं पंद्रह, कहीं बीस तो कहीं पचास हजार से अधिक रुपए खर्च किए गए. वोटरों को आकर्षित करने के लिए बूथ को टेंट, रंग-बिरंगे गुब्बारे, फूल-माला से सजाया गया था. कारपेट, कूलर, पेयजल, बिस्कुट, शरबत, कॉफी, चाय आदि की व्यवस्था की गयी थी. 145 बूथों को आकर्षक रूप देने के लिए विभिन्न सामाजिक संस्थाओं और प्रतिष्ठानों ने दो करोड़ से अधिक रुपए लुटा दिए. इन सारी कवायदों के बावजूद मतदान प्रतिशत पिछली बार से 1.38 प्रतिशत कम ही रहा. उम्मीद थी कि वोट का प्रतिशत फर्स्ट पोजिशन यानी 60 प्रतिशत को पार कर जाएगा, लेकिन कहीं न कहीं चूक हो गई, जिससे सेकेंड डिविजन के नंबर से ही संतोष करना पड़ा.
जागरूकता पर साढ़े तीन लाख खर्च
स्वीप के तहत करीब दो माह तक पूरे शहर में मतदाता जागरूकता रैली, चौपाल, मतदाता एक्सप्रेस, स्कूलों और चौराहों पर शपथ कार्यक्रम आयोजित कर शत-प्रतिशत मतदान के लिए जन-जन को जागरूक किया गया. इस पूरे कार्यक्रम पर करीब तीन लाख 55 हजार दो सौ रुपए खर्च किये गए. लेकिन वोटरों ने स्वीप की उम्मीद पर पानी फेर दिया.
यहां मिला फर्स्ट डिविजन
शहर के मॉडल बूथों में सबसे चर्चित गुरुधाम कालोनी रही. इसे गुरुधाम नागरिक समिति ने गोद लिया था. समिति के अध्यक्ष संजीव खेमका ने बताया कि बूथ की साज-सज्जा और पेय पदार्थ पर करीब 70 हजार रुपए खर्च हुए थे. अधिकारियों ने भी यहां की व्यवस्था की सराहना की. इस बूथ पर आकर वोटरों ने काफी एंजॉय किया. इस बूथ पर 62 प्रतिशत लोगों ने मतदान किया.
वाराणसी संसदीय क्षेत्र में मतदान 60 प्रतिशत पार नहीं होने के पीछे तमाम वजहें हैं. हालांकि स्वीप के तहत काफी प्रयास किया गया था. पोलिंग सेंटरों को काफी सजाया भी गया था. सभी द्वारा सार्थक प्रयास भी हुआ, लेकिन जितनी उम्मीद थी, उतना मतदान नहीं हुआ.
गौरांग राठी, स्वीप प्रभारी एवं सीडीओ