रामनगर की रामलीला के बारहवें दिन भरत का यमुनावतरण, ग्रामवासी मिलन और श्रीराम दर्शन का मंचन

VARANASI : रामनगर की रामलीला के बारहवें दिन शुक्रवार को भरत का यमुनावतरण, ग्रामवासी मिलन और श्रीराम दर्शन का मंचन किया गया। भारद्वाज ऋषि के आश्रम स्थल पर कुंवर अनन्त नारायण सिंह के पहुंचते ही भरत की चतुरंगिणी सेना के रूप में शामिल फ्म्वीं वाहिनी पीएसी के जवानों ने सशस्त्र सलामी दी।

ग्रामवासियों से पूछा राम का पता

लीला के प्रथम चरण में यमुना में स्नान कर भरत तीर्थराज को प्रणाम करते हैं और मुनि भारद्वाज से श्रीराम के दर्शन का आशीर्वाद प्राप्त कर चित्रकूट प्रयाण करतें हैं। इन्द्रदेव गुरु ब्रहस्पति से कहते हैं कि श्रीराम संकोची और प्रेमवशी हैं। इसलिए कोई ऐसा उपाय करें जिससे भरत और श्रीराम न मिल सकें। उन्होंने समझाया कि श्रीराम के साथ छल करने का परिणाम ठीक नहीं होगा। भरत की मनोदशा देखकर जहां मुनिराज चिंतित हैं। वहीं ग्रामवासी भरत के साथ आयीं चतुरंगिणी सेना को देखकर सशंकित हैं। भरत श्रीराम का गुणगान करते हैं। वे राम, लक्ष्मण व जानकी का पता ग्रामवासियों से करते हैं। ग्रामवासी भरत का श्रीराम से प्रेम देखकर उनसे श्रीराम के चरणों में प्रीति का वरदान मांगते हैं। निषादराज उन्हें श्रीराम के निवास स्थान की जानकारी देते हैं।

हुआ श्रीराम और भरत का मिलन

सीता श्रीराम के रात्रि में देखें स्वप्नों का वर्णन करतीं हैं। इसके बाद भगवान राग अपने आराध्य शिव का पूजन करते हैं। निषादराज, गुरु समेत सभी को यहीं रुकने को कहकर भरत व शत्रुघ्न को लेकर श्रीराम के पास जाते हैं। भरत के आगमन की सूचना मिलते ही श्रीराम दौड़कर भरत व शत्रुघ्न को गले लगाते हैं। श्रीराम गुरु वशिष्ठ को प्रणाम करते हैं। श्रीराम दशरथ मरण का समाचार सुनकर द्रवित होते हैं और मंदाकिनी के तट पर जाकर पिता का तर्पण करते हैं। इसके पश्चात परिवार का कुशलक्षेम पूछते हैं। भरत पत्‍‌नी व सेना सहित रात्रि विश्राम करते हैं। अंत में आरती के पश्चात बारहवीं दिन की लीला का समापन होता है।

रामलीला देखने पहुंचे संघ प्रमुख

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत विश्व प्रसिद्ध रामलीला देखने के लिए गुरुवार की शाम रामनगर पहुंचे। उनके लीला स्थल पहुंचते ही हरहर महादेव के जयकारा से लीलास्थली गुंजायमान हो गया। संघ प्रमुख ने प्रसिद्ध दुर्गा मंदिर के सम्मुख स्थित चित्रकूट में भरत मनावन की लीला भक्तिपूर्वक देखा।

लीलास्थल बदहाल

भारद्वाज आश्रम के चतुर्दिक गढ्ढों में पानी भरा होने से रामनगर की विश्व प्रसिद्ध रामलीला देखने पहुंचे श्रद्धालुओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। यहां तक रामलीला के पात्रों को कंधों पर ले जाने वाले साधु-संतों और सेवकों को भी काफी कठिनाई झेलनी पड़ी। लोगों का कहना है कि लीलास्थली को दुरुस्त करने की जिम्मेदारी पालिका प्रशासन पूरी नहीं कर रहा है।