- सिटी बस चालकों के हड़ताल पर रहने की वजह से कानपुराइट्स को झेलनी पड़ी प्रॉब्लम

- टैम्पो, ऑटो और ई-रिक्शा चालकों ने जमकर की मनमानी, सवारियों से दोगुने तक पैसे वसूल

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सिटी बस चालकों की हड़ताल की वजह से फ्राइडे को कानपुराइट्स को घर से निकलने के बाद समस्याओं का सामना करना पड़ा। हाल ये रहा है कि एक भी सिटी बस रोड पर नहीं चलने की वजह से ऑटो, टैम्पो और ई-रिक्शा चालकों ने पब्लिक से मनमाना किराया वसूला। शुक्रवार को पूरे दिन कुछ ऐसी ही स्थिति सिटी की रोड्स पर देखने को मिली। शनिवार को भी बस चालकों की हड़ताल जारी रहेगी।

7 की जगह क्0, क्0 की जगह क्भ्

आई नेक्स्ट रिपोर्टर फ्राइडे को दोपहर क् बजे परेड चौराहा पहुंचा। परेड चौराहे से घंटाघर जाने के लिए वो ई-रिक्शा पर बैठा। वैसे नॉर्मल डेज में परेड से घंटाघर जाने के लिए क्0 रुपए किराया लगता है। लेकिन जब रिपोर्टर परेड चौराहे पर ई रिक्शा पर बैठा तो रिक्शा वाले ने क्भ् रुपये किराया बताया। जब रिपोर्टर ने उससे पूछा कि भाई अभी तक तो किराया क्0 रुपये लगता था, तो वह बोला कि अरे यार हड़ताल चल रही है। ऐसे में रेट तो बढ़ेंगे ही चलना है तो बैठो वरना दूसरों को तो जाने दो। खैर रिपोर्टर घंटाघर तक गया और फिर उसको क्भ् रुपए दिए।

यहां भी चल रही थी 'वसूली'

करीब एक घंटे बाद रिपोर्टर चुन्नीगंज चौराहे पर पहुंचा। थोड़ी देर खड़े रहने के बाद रिपोर्टर को एक ऑटो दिखाई दिया। ऑटो वाले ने पैसेंजर देखकर ऑटो रोका। रिपोर्टर बोला कि बड़ा चौराहे तक जाना है। ऑटो वाला बोला कि बैठो क्0 रुपये लगेंगे। इस पर रिपोर्टर ने कहा कि कल तक तो 7 रुपये लगते थे। इतना सुनते ही ऑटो वाला बोला कि क्या करें स्ट्राइक के चलते रेट बढ़ गए हैं। सब जगह ऐसे ही रेट बढ़े हुए हैं। इस पर रिपोर्टर बोला कि ये तो गलत है। तब ऑटो वाला बोला कि बैठना हो तो बैठो। किराया तो इतना ही लगेगा। अगर कम कर देंगे तो फिर कैसे कमाई होगी?

इनकी हो गइर् बल्ले-बल्ले

बसों की हड़ताल होने से टैम्पो-ऑटो वालों की मौज रही। जिन रूटों पर सिटी बसें चलती हैं। उन रूटों पर पैसेंजर्स का लोड टैम्पो-ऑटो वालों पर ही पड़ा। कई रूटों पर टैम्पो-ऑटो वाले दौड़ते रहे। दिन भर में ऐसे कई स्थानों पर टैम्पो-ऑटो ठसा-ठस भरे दिखाई दिए। डेढ़ गुनी से ज्यादा सवारी ऑटो, ई-रिक्शा में बैठी मिली। वहीं ई-रिक्शा वालों की भी खूब मौज रही। दूसरी ओर नो टैम्पो जोन में सबसे ज्यादा मुसीबत रही। क्योंकि सबसे ज्यादा पैसेंजर्स इसी रूट पर चलते हैं।

शनिवार को मिलेंगे डीएम से

सिटी बस चालक शनिवार को अपनी मांगों को लेकर डीएम से मिलेंगे। सिटी बस चालक अमित ने बताया कि पिछले भ् माह से वेतन नहीं मिला है। जब तक वेतन नहीं मिलेगा। तब तक हमारी हड़ताल जारी रहेगी। कर्मचारी नेता अमित ने बताया कि शनिवार को इस संदर्भ में डीएम से मिलेंगे। रोडवेज को हमारा वेतन देना ही होगा। बिना उसके काम पर नहीं लौटा जाएगा। फिर चाहें हमको किस स्तर तक लड़ाई क्यों न लड़नी पड़े।

चलते-चलते खड़ी हो गई बसें

रोडवेज की सिटी बसें चलते-चलते खड़ी हो गई हैं। रोडवेज अधिकारियों के गड़बड़झाले के बाद सिटी बसों ने एक-एक करके दम तोड़ दिया। आलम ये है कि डिपो में खड़े-खड़े सिटी बसों के पार्ट्स तक गायब हो गए हैं। कई बसों में लगे एसी गायब हो गए हैं। वो कहां गए? इसका जवाब किसी के पास नहीं है। बसों के टायर, अल्टीनेटर, बैटरी, चार्जर समेत अन्य सामान गायब है। अब दोबारा इन बसों को चलाने के लिए फ्.ख्ब् करोड़ रुपये की जरुरत है।

चल रही हैं सिर्फ ख्0 बसें

जेएनयूआरएम योजना के तहत शुरु की गईं सिटी बसों में सिर्फ ख्0 बसें ही चलने के लायक हैं। बाकी बसें सिर्फ अपनी आखिरी सांसें गिन रही हैं। ख्009 में जेएनयूआरएम योजना के तहत ख्70 सिटी बसें रोड पर उतारी गई थीं। वहीं अब सिर्फ ख्0 बसें ही चल रही हैं।

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बसों की कीमत

बस मूल्य(रुपये में)

मार्कोपोलो एसी म्भ् लाख

मार्कोपोलो म्0 लाख

मिनी बस क्0 लाख

कमल कोच क्म् लाख

किस कंपनी की कितनी बसें हैं

बस संख्या

मिनी बस ख्फ्0

मार्कोपोलो लो फ्लोर ख्0

एसी क्0

नान एसी क्0