-दम तोड़ रही सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट योजना, कूड़े का ढेर बना शहर

-पेयजल के लिए तरस रहा आवाम, गंगाजल परियोजना भी अधर में

mitendra.gupta@inext.co.in

Meerut। नगर विकास मंत्री आजम खां आज शहर में हैं। ऐसे में शहर के हाल पर नजर डाले तो हमारा स्मार्ट बनने का सपना भी चूर हो जाता है। गंगाजल परियोजना जैसे स्टार प्रोजेक्ट बीमार पड़े हैं तो सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, बायोवेस्ट मैनेजमेंट व कूड़े से बिजली बनाने जैसी योजनाओं अभी जमीन पर नहीं उतर पाई हैं।

----

फूंके दिए 44 करोड़

जवाहर लाल नेहरू अर्बन रिन्यूवल मिशन के तहत मेरठ में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के नाम पर 44 करोड़ रुपये फूंक दिए। पीपीपी मॉडल पर बनाई गई योजना जमीन पर उतरने से पहले ही दम तोड़ गई।

नहीं चला ए टू जेड

नगर निगम ने कूड़ा उठाने के लिए ए टू जेड नाम कंपनी को ठेका दिया था। कंपनी को घर- घर से कूड़ा उठाकर किले रोड स्थित डंपिंग ग्राउंड में डाला जाना था। योजना फ्लॉप रही।

ये खरीदा गया सामान

सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के नाम पर नगर निगम ने कूड़ा उठाने के लिए 9 छोटी गाड़ी, 3 जेसीबी मशीन, 5 बड़ी पोकलेन मशीन, 1 छोटी पोकलेन मशीन, 200 बड़े डस्टबीन व 1500 बड़े डस्टबीन खरीदे गए।

रोजाना 800 मीट्रिक टन कूड़ा

शहर में प्रतिदिन 800 मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है। सारा कूड़ा नालों में जाता है।

-----------

नहीं मिल पा रहा गंगाजल

बेशक गंगाजल परियोजना का इंफ्रास्ट्रक्चर पूर्ण हो गया किंतु अभी भी 'सिस्टम' की लापरवाही से मेरठ का हलक सूखा है। सिंचाई विभाग का 33 करोड़ बकाया है, ऐसे में 100 मिलियन लीटर पर डे (एमएलडी) गंगाजल के स्थान पर महज 11 एमएलडी गंगाजल मिल पा रहा है। पाइप लाइन भी आए दिन फट रही हैं। बता दें कि 341.30 करोड़ का गंगाजल प्रोजेक्ट जेएनएनयूआरएम मिशन के अंतर्गत वर्ष 2008-09 में शुरू किया गया था। नोडल एजेंसी नगर विकास विभाग है तो निर्माणी संस्था जल निगम है। पेयजल पुनर्गठन योजना के लिए शासन ने 273.01 करोड़ के बजट को स्वीकृति प्रदान की थी। हालांकि बाद में फीडरमेन के एलाइनमेंट को संशोधित करते हुए बजट बढ़ाकर 341.30 करोड़ रुपए कर दिया गया था। विभागों से एनओसी लेने में गंगाजल प्रोजेक्ट को पांच वर्ष का इंतजार करना पड़ा।

----------

करोड़ों रुपये पानी में हर साल

नाला सफाई के नाम पर करोड़ों रुपये पानी में जाते हैं। पिछले साल नाला सफाई के नाम पर एक करोड़ रुपये का बजट बनाया गया था। लेकिन एक पैसा भी नगर निगम ने खर्च नहीं किया। जबकि इस बार दो करोड़ रुपये का बजट बनाया गया है।

साढ़े तीन हजार हैं कर्मचारी

सफाई के नाम पर नगर निगम में साढ़े तीन हजार कर्मचारी हैं। उसमें से बीस प्रतिशत कर्मचारी काम पर नहीं जाते हैं। शहर में हर तरफ कूड़ा ही कूड़ा दिखाई देता है। नाले ऊपर तक कूड़े से अटे रहते है।

कुल नाले- 409

बड़े नाले- 187

छोटे नाले- 222

---------

360 रिक्शा बाटेंगे आजम खां

नगर विकास मंत्री आजम खां सोमवार को सीसीएसयू स्थित नेताजी सुभाष चंद प्रेक्षागृह में 360 ई रिक्शा वितरण करेंगे। इसके अलावा बेसिक सर्विस टू अर्बन पूअर योजना के तहत 251 आवास भी दिए जाएंगे।

ट्रैक का भी कर सकते हैं उदघाटन

आजम खां सोमवार को साईकिल ट्रैक का भी उदघाटन कर सकते हैं। एमडीए ने इसके लिए ट्रैक को तैयार तो कर दिया है। लेकिन उसमें भी बहुत ही गड़बड़ झाला है। रेडियम बोलार्ड लगाने के स्थान पर खाली पेंट कर दिया। एमडीए अधिकारियों ने पचास लाख रुपये इसके नाम पर डकार लिए।