तुपुदाना पुलिस ने गुरुवार को एक गोदाम से विस्फोटक पदार्थो का जखीरा किया था बरामद

किसी भी इमारत या ब्रिज को उड़ाने के लिए काफी था विस्फोटक

विस्फोटक पदार्थो के संभावित ठिकानों पर छापामारी कर रही रांची पुलिस

>RANCHI: तुपुदाना पुलिस ने गुरुवार की देर रात डुंडीगढ़ा इलाके में स्थित एक गोदाम से विस्फोटक पदार्थो का जखीरा बरामद किया है, जो किसी भी इमारत या ब्रिज को उड़ाने के लिए काफी है। खुद एसएसपी प्रभात कुमार ने इसकी पुष्टि की है। वहीं, पुलिस को यह भी आशंका है कि रांची में अब भी कई लोग हैं, जो तबाही के काम में जुटे हुए हैं। विस्फोटक पदार्थो को गुप्त स्थान पर छिपा कर रखा गया है। हालांकि पुलिस इन विस्फोटक पदार्थो की बरामदगी के लिए छापामारी कर रही है। हटिया डीएसपी राधा प्रेम किशोर, तुपुदाना पुलिस व धुर्वा इंस्पेक्टर हरिश चंद्र सिंह की अगुवाई में टीम संभावित ठिकानों पर छापामारी कर रही है।

नक्सलियों को हो रही सप्लाई

रांची के आसपास के इलाके, जहां क्रशर हैं वहां के एक-एक घर में बारूद के ढेर हैं। ये बारूद सप्लायर बंद खदानों के नाम से अवैध तरीके से लाते हैं और नक्सलियों, प्रतिबंधित संगठनों को सप्लाई करते हैं। जनवरी में रांची पुलिस ने भारी मात्रा में डेटोनेटर के साथ एक आरोपी को भी पकड़ा था। उसके मुताबिक, उसका काम केवल डेटोनेटर पहुंचाना था। इसके बाद यह कहां जाता है। इसका क्या इस्तेमाल होता है। इसकी जानकारी गिरफ्तार शेखपुरा निवासी रविशंकर पांडेय उर्फ डमरू पांडेय को नहीं थी। पर, गुरूवार को जब तमाड़ पुलिस ने छापेमारी कर इलाके से विस्फोटक पदार्थो का जखीरा बरामद किया, तो स्पष्ट हो गया कि बारूद नक्सलियों को सप्लाई किया जा रहा है। तुपुदाना में पकड़े गए बारूद का कारोबार सनोवर खान के जेल जाने के बाद भी उसके परिवार द्वारा ही चलाया जा रहा है।

ख्भ् रुपए में तबाही का सामान

बताया जाता है कि डेटोनेटर आंध्रप्रदेश के चांदखोल, तेलांगना (जाजपुर) में बहुत सस्ता मिलता है। इसके लिए खरीदार को कोई कागजात भी दिखाने की जरूरत नहीं है। इसलिए बिहार, झारखंड के सप्लायर यहीं से डेटोनेटर खरीदते हैं। रविशंकर पांडेय उर्फ डमरू पांडेय ने पुलिस को बताया था कि वह छह रुपए में एक पीस डेटोनेटर खरीदता था और सनोवर खान को क्फ् रुपए में बेचता था। सनोवर खान उस डेटोनेटर को खुदरा के रूप में ख्भ् रुपए में बेच देता था।

मछली गाड़ी में आ रहा बारूद

पुलिस को अनुसंधान में पता चला है कि यह बारूद आंध्रप्रदेश से मछली गाड़ी में लाया जा रहा है। मछली गाड़ी में नीचे बारूद का कार्टन रहता है और ऊपर में मछली लाद दी जाती है। यही वजह है कि जब पुलिस चेकनाका पर चेक करती है, तो ट्रक में केवल मछली मिलती है। इससे कारोबारी बच निकलते हैं।