शहर उत्तरी विधान सभा के इंग्लिशिया लाइन क्षेत्र में कैलाश गुप्ता की चाय की दुकान

शहर उत्तरी विधान सभा के इंग्लिशिया लाइन क्षेत्र में दशकों पुरानी कैलाश गुप्ता की चाय की दुकान पर हर रोज की तरह शाम के वक्त अड़ीबाज जमा हो गए हैं। सबका इरादा राजनीतिक चर्चा के लिए चर्चित इस जगह से विधान सभा के राजनीतिक हलचल से खुद को अपडेट करना और अपना राजनीतिक ज्ञान जाहिर करना है। सामान्य बातचीत के दौरान ही सबके हाथ में चाय का कप आ गया।

माकूल माहौल देख हिमांशु ने सवाल उछाल दिया। क्या यार इस बार किसका माहौल समझ में आ रहा है?

कोई कुछ कहता उससे पहले टीपू ने सवाल को लपक लिया। मंझे हुए राजनीतिज्ञ की तरह गंभीर होकर बोले विधायक रवीन्द्र जायसवाल अगर समझ रहे हैं कि उनका माहौल है तो भ्रम में ना रहें। सिर्फ व्यवहार से नैया पार न लगेगी। पब्लिक काम देखती है काम।

राहुल सेठ ने तपाक से आपत्ति की। आप कैसे कह देंगे कि विधायक ने काम नहीं किया है। जरा क्षेत्र में निकलिए तब पता चलेगा। काफी काम हुआ है। अगर तुम यह सोचते हो कि एक दिन में शहर उत्तरी विधान सभा क्षेत्र स्वर्ग बन जाए तो ये किसी के वश में नहीं है।

इस बात को शिवम खत्री ने अपना समर्थन दिया। बोले ये सही है लेकिन काम और होना चाहिए था।

माहौल को गर्माते देख गुड्डू सिंह ने बातचीत को दूसरी ओर मोड़ा। बोले सपा प्रत्याशी की स्थिति भी तो ठीक है। लोकल संबंध हैं, बातचीत भी ठीक है। उनको भी पब्लिक का समर्थन मिलेगा।

अभी तक चुपचाप होकर चाय की चुस्की का आनंद ले रहे सोनू गुप्ता का मौन आखिर टूटा। लोकल ज्ञान से ऊपर की जानकारी फेंकी। लखनऊ में बाप-बेटे की लड़ाई उनका नुकसान करा देगी। अभी तक तो पार्टी का भविष्य भी तय नहीं हुआ तो प्रत्याशी का कैसे होगा। पब्लिक कैसे तय करेगी उसे किसका समर्थन करना है और किसका विरोध?

चाय की चुस्की के साथ ही फिरोज अहमद अपने रंग में आ गए। कोई कुछ और बोले उससे पहले शब्द बाण छोड़ा। यार मेरी मानो तो पार्टी नहीं प्रत्याशी को वोट देना चाहिए। इस बार मैं तो यही करूंगा और सबसे यही कहूंगा। इस बात ने अड़ी पर मौजूद सभी को दो पल के लिए खामोश कर दिया। जैसे उन्हें सोचने को मजबूर होना पड़ा। इस माहौल ने फिरोज की बात का मूक समर्थन कर दिया।

मोनू गुप्ता को ये कैसे भाता? अपनी जानकारी भी सबके सामने लानी थी और चर्चा को लम्बा करना था तो बसपा प्रत्याशी की ओर सबका ध्यान खींचा। बोले वो पब्लिक के बीच में जाकर मेहनत कर रहे हैं।

लक्ष्य अरोड़ा फिर चर्चा को पुराने रास्ते पर लाए। बोले पब्लिक का मिजाज बदल गया है भाई। काम का हिसाब मांग रही है। जिसने किया उसे मिलेगा या जो करने की हिम्मत रखता है उसे ही वोट मिलेगा। अब कांग्रेस और भाजपा के साथ अन्य पार्टियों के प्रत्याशी मैदान में आ जाएं तो स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। तब चुनना आसान हो जाएगा। चर्चेबाजों को ये बात रास आयी। अब कप में चाय भी खत्म हो चुकी थी तो सबने इसी निष्कर्ष के साथ चर्चा भी खत्म की।

चाय वाला

भाई हम तो हर बार पहले प्रत्याशी को खूब परख लेते हैं तब वोट देते हैं। सुबह से शाम तक मेहनत करते हैं कि हमारा विकास हो सके। ऐसे किसी को वोट नहीं देंगे जो सिर्फ अपना विकास करे। हमारे विधान सभा में ढेरों समस्याएं हैं जो उन्हें दूर कर सकता है हमारा वोट उसी को है।

कैलाश गुप्ता, चाय वाला

टी प्वाइंट

पब्लिक का मिजाज बदल गया है भाई। काम का हिसाब मांग रही है। जिसने किया उसे मिलेगा या जो करने की हिम्मत रखता है उसे ही वोट मिलेगा।

लक्ष्य अरोड़ा