-चुनाव आयोग ने दी क्राइम ब्रांच को जिम्मेदारी

- हर रोज भेजी जाएगी आयोग को रिपोर्ट

VARANASI

विधानसभा चुनाव के दौरान सोशल मीडिया भी निगरानी में रहेगा। कोई प्रत्याशी, समर्थक और पब्लिक ऐसा कुछ नहीं कर पाएंगे जिससे चुनाव प्रभावित हो। इसके लिए साइबर सेल की मदद ली जाएगी। चुनाव आचार संहिता के अनुपालन के लिए पहली बार पुलिस महकमे को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। तेजी से बढ़ते सोशल मीडिया के प्रभाव के मद्देनजर चुनाव के हर पहलू की निगरानी करने की जिम्मेदारी चुनाव आयोग ने पुलिस विभाग को दी है।

एक्सपर्ट हैं मौजूद

पुलिस लाइन में साइबर सेल क्राइम ब्रांच के अंतर्गत काम कर रहा है। इसमें सर्विलांस की भली भांति जानकारी रखने वालों की तैनाती की गई है। सोशल मीडिया पर किसी भी आपत्तिजनक पोस्ट पर कार्रवाई क्राइम ब्रांच करेगा। इसकी दैनिक रिपोर्ट चुनाव आयोग को भेजी जाएगी। स्टेटिक सर्विलांस व फ्लाइंग स्क्वाएड से क्राइम ब्रांच बराबर संपर्क में रहेगा। टीम सोशल मीडिया पर विवादों का लेखा-जोखा रखने के साथ वाल राइटिंग, बैनर, पोस्टर व होर्डिग आदि की भी निगरानी करेगी। एसएसपी के मुताबिक एक बार होर्डिग व बैनर हटाए जाने के बाद फिर से उसे लगाया गया तो एफआइआर दर्ज कराई जाएगी।

खर्च का नहीं होगा हिसाब

सोशल मीडिया में प्रचार पर आने वाले खर्चे पर चुनाव आयोग से कोई गाइड लाइन नहीं है। एसएसपी नितिन तिवारी के मुताबिक सोशल मीडिया पर निगरानी आपत्तिजनक पोस्ट की होगी। प्रत्याशियों की छवि खराब करने की कोशिश पर वह इसकी शिकायत कर सकता है। चुनाव आयोग की सख्ती को देखते हुए सभी राजनैतिक दलों ने प्रचार के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया है। अब तक सभी दलों ने प्रत्याशी घोषित नहीं किए हैं। इसके बावजूद खुद को संभावित प्रत्याशी बताते हुए उन्होंने व्यक्तिगत ग्रुप भी बनाया है। इन ग्रुपों पर बैनर, पोस्टर व होर्डिग को पोस्ट किया जा रहा है।