(आई एलर्ट)

-त्योहार के सीजन में एक से बढ़कर एक नायाब तरीके से लोगों को बना रहे अपना शिकार

-पिछले 15 दिनों में लकी ड्रॉ के बहाने ठगे जाने के दस से अधिक मामले सामने आये

VARANASI

Case-1

लंका के रहने वाले विपिन पाण्डेय के मोबाइल पर दो दिनों पहले फोन आया। फोन करने वाले ने बताया कि उन्होंने एक दुकान से परचेजिंग की थी। उसके लकी ड्रॉ में आपने कार जीता है। दस लाख कीमत की कार हासिल करने के लिए डेढ़ लाख रुपये एक बैंक एकाउंट में डालने को कहा। विपिन ने एकाउंट में रुपये डाल दिये उसके बाद न कार मिली न फोन करने वाला।

Case-2

सिगरा के मुकेश राय को मोबाइल पर मैसेज आया कि आप जिस कम्पनी का सिम इस्तेमाल करते हैं उसने फेस्टिवल में लकी कस्टमर का ड्रॉ किया है। उसमें आपका नम्बर आया है। आपने पांच लाख रुपये जीता है। उसे बैंक में ट्रांसफर करने के नाम पर एकाउंट की सारी डिटेल ले ली। उसके बाद उनके एकाउंट में रुपये तो नहीं आये उल्टे डेढ़ लाख रुपये ठगों ने उड़ा दिया।

त्योहार के इस सीजन में ठग भी एक्टिव हो गये हैं। एक से बढ़कर एक नायाब तरीके से लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। पिछले 15 दिनों में ठगी के दस से अधिक मामले सामने आये हैं। सबमें एक बात कॉमन थी वो ये कि ठगों ने त्योहार पर होने वाले लकी ड्रॉ आदि का बहाना बनाकर लोगों को ठगा। ठगी का यह धंधा कम से कम दीपावली तक जोरों पर रहेगा। आप ठगों से बचना चाहते हैं तो अलर्ट हो जाइये।

अंदर के लिए

उपहार के लालच में बिगड़ रहा त्योहार

-ठग खरीदारी के सीजन में पहले हासिल कर ले रहे हैं डिटेल

-फिर गिफ्ट व लकी ड्रॉ में विनर बनने का लालच देकर लोगों के झटक ले रहे रुपये

VARANASI

त्योहार में हर कोई अपनी हैसियत के मुताबिक खरीदारी करता है। खासतौर पर दूर्गापूजा और दीपावली में तो जबरदस्त खरीदारी होती है। ज्यादातर लोग घरों में नया सामान लाते हैं। कार, घर से लेकर छोटे-मोटे घरेलू सामान तक की खरीद-फरोख्त जबरदस्त तरीके से होती है। ठग इसका फायदा उठाते हैं। वो त्योहार पर उपहार देने के बहाने ही लोगों को ठगते हैं। इससे उनका शिकार आसानी से उनकी बातों में आ जाता है और वही करता है जो ठग चाहते हैं।

हासिल करते हैं डिटेल

त्योहार पर ठगों को लोगों के बारे में जानकारी आसानी से मिल जाती है। मॉल, बाजार में स्मार्ट से दिखने वाले युवक हाथों में फार्म लेकर घूमते हैं। स्कीम के नाम पर खरीदारी करने वालों से डिटेल फार्म में भरवाते हैं। इस डिटेल को ठग भी हासिल कर लेते हैं। इन दिनों डेबिट-क्रेडिट कार्ड से खरीदारी भी बढ़ गई है। यह भी जरिया बनता है डिटेल हासिल करने का। एटीएम से कैश निकालने वालों की भीड़ भी बढ़ गई है। यहां भी ठग मौजूद रहते हैं और लोगों की सीक्रेट डिटेल हासिल करने में आसानी से कामयाब हो जा रहे हैं।

इस बहाने बनाते हैं शिकार

(डू यू नो)

- बैंक अधिकारी बनकर पुराना एटीएम कार्ड बदलकर नया करने के बहाने डिटेल हासिल करते हैं

-परचेजिंग के बदले लकी ड्रॉ निकालने के बदले उपहार के नाम पर

-सेलफोन नंबर लकी ड्रॉ में निकलने के बहाने

-सरकारी स्कीम की लाटरी में नाम निकलने के बहाने रुपये ठग लेते हैं

-एटीएम सर्विस सेंटर वाला बनकर नए एटीएम के नाम पर

आप बरतें सावधानी

(फार योर इंफार्मेशन)

- बैंक के नाम से कॉल आने पर कोई डिटेल शेयर न करें।

- खासतौर पर अपना एटीएम पिन और कोड न बताएं।

- अपना एकाउंट नंबर भी कभी शेयर न करें।

-कोई उपहार देने के बदले बैंक एकाउंट की डिटेल मांगे या रुपये तो झांसे में ना आएं।

-अगर कोई उपहार देने की बात करता है तो उसकी डिटेल खुद लेकर जांच करें

-जब तक उपहार देने वालों की सही जानकारी आपके पास न हो तो उसे किसी तरह डिटेल ना दें

साइबर सेल की नहीं मिलती हेल्प

(द अदर साइड)

ऑनलाइन ठगी में तेजी से इजाफा हो रहा है। ठगों के ठगी का तरीका लगातार शातिर होता जा रहा है। साइबर ठगी को रोकने के लिए शहर में एक साइबर सेल है लेकिन ठगी के शिकार हो रहे लोगों को इसकी खास मदद नहीं मिल पा रही है। फेक आईडी पर नंबर लेकर कॉल करने वाले ठग ट्रेस ही नहीं होते। एक बार कॉल करने के बाद फर्जी सिम फेंक देते हैं। इस वजह से साइबर सेल की टीम इन तक पहुंच ही नहीं पाती है।