-शहर की सड़कों पर मनमानी कर रहे हैं ई रिक्शा और ऑटो चालक
-नियमों का नहीं करते पालन, इनसे हर कोई है परेशान
VARANASI
केस-क्
बनारस भ्रमण के लिए उड़ीसा से आया दल पांच ई रिक्शा में सवार होकर गोदौलिया पहुंचा। रिक्शा चालक तय किराया से ज्यादा मांगने लगा। यात्रियों ने आपत्ति जतायी तो चालक मारपीट पर उतारू हो गया। मामला पुलिस तक पहुंचा तो पुलिस भी उसके पक्ष में थी। मजबूर यात्रियों को अधिक किराया देना पड़ा।
केस-ख्
सामनेघाट के रहने वाला परिवार रिजर्व ऑटो में सवार होकर पाण्डेयपुर अपने रिश्तेदार के घर पहुंचा। ऑटो वाले को किराया देने के बाद सामान निकाल रहे थे कि गहनों से भरा एक बैग लेकर ऑटो वाला तेजी से भाग निकला। परिवार ने पाण्डेयपुर से लंका तक उसकी तलाश की लेकिन वो नहीं मिला।
शहर में ऑटो और ई रिक्शा चालकों की मनमानी का एहसास कराने के लिए ये केस काफी हैं। शहर के ट्रांसपोर्ट में अहम भूमिका निभाने वाले ये वाहन अब समस्या भी बनते जा रहे हैं। शहर की सड़कों पर बेतरतीब तरीके से बढ़ती इनकी संख्या, शहर के हर चौराहे पर इनका कब्जा, किराये और सवारी की सुविधा को लेकर इनकी मनमानी, सुगम यातायात के लिए बनाये गये किसी भी नियम को पालन न करने की आदत, अपराध में चालकों की संलिप्तता नासूर बनती जा रही है। शहर के लोगों का कहना है कि यह सब पुलिस वालों की शह पर चल रहा है। बदले में उन्हें मोटा चढ़ावा मिलता है।
सारे नियम ताक पर
-ई रिक्शा और ऑटो चालकों ने शहर के प्रमुख सड़कों पर अवैध स्टैण्ड बना लिया है
-रोड पर चलते समय जहां से चाहते हैं सवारी चढ़ाते हैं और जहां चाहते हैं उतारते हैं
-चालकों में कितनों के पास लाइसेंस है या कितने ट्रेंड हैं किसी को पता नहीं
-ई रिक्शा ज्यादातर नाबालिग ड्राइवर चला रहे हैं
-तय मानकों से अधिक सवारी बिठा रहे हैं
ऑटो चालकों के लिए वर्दी-बिल्ला का नियम बनाया गया इसका पालन नहीं कर रहे हैं
-ऑटो पर चालक का मोबाइल नम्बर भी लिखा नहीं जा रहा है
-भ्000 ऑटो को परमीशन है शहर में
- क्भ्000 ऑटो शहर की सड़कों पर दौड़ रहे हैं
- म्00 ई रिक्शा का रजिस्ट्रेशन नगर निगम और आरटीओ में है
ब्000 से अधिक ई रिक्शा विभिन्न सड़कों पर सवारी ढो रहे
-800 से क्000 की कमाई रोज की है ई रिक्शा या ऑटो की
-ब्0 से अधिक प्रमुख चौराहों-तिराहोंपर ऑटो, ई रिक्शा वालों का रहता है कब्जा
ई रिक्शा और ऑटो चालकों की मनमानी से हर कोई परेशान है। किसी नियम का पालन नहीं करते हैं। विरोध करने पर मारपीट पर उतारू हो जाते हैं।
सुनील
ई रिक्शा चालकों और ऑटो वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती है। उनकी हरकतों से रोड पर चलना मुश्किल हो गया है।
नितिन