प्रचार में रहे दहाड़, बचपन से खिलवाड़

-टोपी-गमछा लेकर प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार का जिम्मा संभाल रहे छोटे-छोटे बच्चे

-सुबह घर-घर पहुंचकर बांट रहे पैम्फ्लेट तो शाम को गली-गली लगा रहे नारा

VARANASI

निकाय चुनाव में बनारस नगर निगम के 90 वा‌र्ड्स के लिए होने मतदान में चंद दिन बचे हैं। सभी प्रत्याशी वो‌र्ट्स के बीच माहौल बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक दिये हैं। जुलूस-जनसम्पर्क जोरों पर है। इसके लिए प्रत्याशियों को ज्यादा से ज्यादा कार्यकर्ताओं की जरूरत है। इसके लिए सभी ने कम उम्र के पढ़ने-लिखने वालों पर फोकस कर लिया है। छोटे-छोटे कार्यकर्ता सुबह-शाम झण्डा-बैनर लेकर प्रचार में जुटे जा रहे हैं। जितनी ताकत उससे भी ज्यादा नारा-टेम्पो हाई कर रहे हैं। ऐसे कार्यकर्ताओं पर प्रत्याशी का खर्च सिर्फ बिस्कुट-टॉफी हो रहा है

संभाली हर जिम्मेदारी

कम उम्र के कार्यकर्ता प्रत्याशियों के लिए बड़े कारगर साबित हो रहे हैं। उन्हें जहां कहा जा रहा है वहां पहुंचकर माहौल बनाने लग जा रहे हैं। प्रत्याशी छाप टोपी-टी शर्ट पहने, गले में गमछा, हाथ में पैम्फ्लेट लिए हर नुक्कड़-चौराहे पर जा रहे हैं। उधर से गुजरने वालों को प्रत्याशी के बारे में बता रहे हैं। शाम ढलते ही गली-गली में घूमकर प्रत्याशी का नारा लगा रहे हैं। इन सब काम के बदले उन्हें बढि़या सा बिस्कुट और अच्छी खासी टॉफी मिल जा रही है। इसके साथ ही खूब मौज-मस्ती भी हो रही है। कुल मिला-जुलाकर ये छोटे कार्यकर्ता प्रत्याशी का बहुत खर्च बचा दे रहे हैं। जहां अन्य वकर्स पर एक दिन मेंउनके चाय-नाश्ता और खाना-पीना में चार-पांच सौ रुपये खर्च हो रहे हैं वहीं बच्चों पर ख्भ्-भ्0 रुपये में ही काम चल जा रहा है।

स्कूल गये हैं भूल

चुनाव के इस माहौल में टॉफी-बिस्कुट के चक्कर में दिन भर गली-मोहल्लों में प्रचार के लिए घूमने-फिरने वाले बच्चे स्कूल से गायब हो रहे हैं। इससे उनकी पढ़ाई का नुकसान हो रहा है। जो बच्चे बिना गार्जियन की जानकारी के चुनाव प्रचार में मशगूल रहते हैं उन्हें मां-बाप को स्कूल से पता चल रही है उनकी कारस्तानी। कई स्कूलों में एग्जाम भी है। पढ़ाई छोड़कर चुनाव प्रचार में लगे बच्चों को नुकसान होगा।