- विकास कार्यो की निगरानी के लिए बनाए नोडल अफसरों ने नहीं भेजी रिपोर्ट

- डीएम ने दी चेतावनी, 30 अगस्त तक हर हाल में देनी होगी रिपोर्ट

समाज के आर्थिक रूप से अक्षम वर्ग और जनकल्याण के लिए सरकार ने तमाम योजनाएं चला रखी हैं। मगर क्या हो जब सरकार की मंशा पर अफसर ही पलीता लगाने लगें। वाराणसी में एक ऐसा ही मामला सामने आया है। विकास और जनकल्याणकारी योजनाओं की निगरानी के लिए बनाए गए नोडल अफसरों ने स्थलीय निरीक्षण ही नहीं किया। डीएम सुरेंद्र सिंह ने उन्हें तीन दिन के भीतर निरीक्षण कर रिपोर्ट देने का आदेश दिया है।

दिया गया था प्रशिक्षण

स्वच्छ भारत मिशन के तहत 100 से ज्यादा अफसरों को प्रशिक्षण दिया गया था। इसके बाद उन्हें ब्लॉकवार गांवों और शहरी इलाकों का नोडल प्रभारी बनाया गया था। उन्हें जिम्मेदारी दी गई थी कि सभी इलाकों का नियमित रूप से निरीक्षण करें। सभी कल्याणकारी योजनाओं और विकास कार्यो के बारे में उन्हें गुणवत्ता की जांच करनी थी और नियमित रिपोर्ट भी प्रेषित करनी थी। मगर किसी भी अफसर ने अब तक स्थलीय सत्यापन नहीं किया।

क्षेत्र में निकलें सभी अफसर

डीएम ने सभी अफसरों को निर्देश दिया है कि वह अपने-अपने क्षेत्रों में निकलें और योजनाओं की जांच कर रिपोर्ट दें। गांव-गांव जाने से बचने की प्रवृत्ति पर भी डीएम ने नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने साफ कहा है कि क्षेत्र में न निकलने वाले अफसर के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। 30 सितंबर तक सभी को योजनाओं की जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं।

फैक्ट फाइल

- 100 से ज्यादा अफसर बनाए गए थे नोडल अधिकारी

- 6 महीने से ज्यादा समय से नहीं हुए हैं स्थलीय निरीक्षण

- 150 से ज्यादा छोटी-बड़ी योजनाएं हैं प्रगति पर

बयान

सभी अफसरों को बुधवार को अपने क्षेत्रों में निकलने का निर्देश दिए गया है। रिपोर्ट फाइल नहीं करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।

सुरेंद्र सिंह, डीएम वाराणसी