-बिल नहीं देने के पीछे होता है वाइन शॉप संचालकों का बड़ा खेल
-कैश होता है करोड़ों का कारोबार
उपभोक्ता हितों के लिए सरकार गंभीर है। कई सख्त नियम भी बनाए गए हैं। इनके तहत ही किसी भी खरीद पर दुकानदार को बिल देना जरूरी है। ये नियम-कानून वाइन शॉप पर भी लागू होते हैं लेकिन उनका पालन नहीं किया जाता है। हर रोज हजारों की वाइन बेचने वाले किसी तरह की रसीद कस्टमर को नहीं देते हैं। अगर किसी ने इस बाबत पूछा भी तो साफ कह देते हैं कि ऐसा कोई नियम उनके लिए नहीं है। रसीद नहीं देने पीछे बड़ा खेल होता है। राजस्व की हेरा-फेरी के साथ ही पब्लिक को चूना भी लगाते हैं।
खूब हो रही हेराफेरी
-वाइन शॉप पर बिल नहीं देने के पीछे बड़ा खेल होता है।
-बिल जेनरेट नहीं करने से स्टॉक की हेरा-फेरी आसान हो जाती
-वाइन में मिलावट की शिकायत अक्सर सामने आती है इस वजह से भी बिल नहीं देने से बचते हैं संचालक
-तय रेट के अधिक वसूलने का खेल भी बहुत दिनों से चल रहा है
-बिल देने पर यह खेल खराब हो जाएगा
-बिल नहीं मिलने से उपभोक्ता खरीदे गए सामान में किसी तरह की गड़बड़ी की शिकायत नहीं कर सकता
-बिल नहीं देने का फायदा उठाकर दूसरे प्रदेशों की शराब को भी बनारस में खपा दिया जाता है
-नकली शराब की दुकानों से बिकने की शिकायत कई बार सामने आयी है जो बिल देने पर नहीं हो पाता
करोंड़ों का कारोबार
149
बीयर की दुकान शहर में
170 अंग्रेजी
8 मॉडल शॉप है
861545
अंग्रेजी शराब की बोतल बिकी बीते दिसम्बर माह में
1055926 बीयर की बोतल बेची गयी पिछले महीने
134
करोड़ की शराब बिक गयी सिर्फ दिसम्बर माह में
50 लाख
अंग्रेजी शराब की बोतल बिकी अप्रैल से नवम्बर तक
90 लाख
बीयर की बोतलें खप गयीं आठ महीने में
203 करोड़
अंग्रेजी शराब से मिले सरकार को राजस्व के रूप में सिर्फ आठ माह में
86 करोड़
रुपए मिले हैं राजस्व के रूप बीयर से बीते साल अप्रैल से नवम्बर तक
सारा काम कैश का
केन्द्र सरकार कैशलेस पर पूरे जोर लगाए हुए है। दुकानों पर स्वैपिंग मशीन लगाने की कवायद भी हुई लेकिन वाइन शॉप पर सारा लेनदेन कैश है। यहां स्वैपिंग मशीन का कोई इंतजाम नहीं होता है। जबकि वाइन की बोतल कुछ सौ रुपये से लेकर हजारों रुपयों तक की होती है। अगर किसी के पास कैश नहीं है तो उसे वाइन नहीं मिलेगी।
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत कोई भी सामान खरीदने पर दुकानदार द्वारा बिल देना अनिवार्य है। सरकार भी समय-समय पर विज्ञापन 'जागो ग्राहक' के माध्यम से उपभोक्ताओं को सामान खरीदने के बाद बिल लेने के लिए जागरूक करता है।
वीएन राय, पूर्व अध्यक्ष यूपी सेल्स टैक्स बार
शहर के किसी भी वाइन शॉप से एमआरपी से अधिक पैसे लेने का मामला में मेरे संज्ञान में नहीं है। रही बात बिल की तो नई शराब नीति के तहत अपै्रल से सभी दुकानों पर पोस की व्यवस्था रहेगी।
करुणेन्द्र सिंह, जिला आबकारी अधिकारी