- शहर की सड़कों से नहीं हट रहा कब्जा, अभियान भी अतिक्रमणकारियों के आगे फेल

- अतिक्रमण के चलते शहर में हैं कई दिक्कतें, भीषण जाम की भी वजह है एन्क्रोचमेंट

स्मार्ट सिटी बनारस में वैसे तो कई समस्याएं हैं पर एक प्रॉब्लम ऐसी है जिससे पूरा सिस्टम ही बिगड़ गया है। हम बात कर रहे हैं शहर में अतिक्रमण की। जी हां रोड से लेकर तमाम जगहों पर एन्क्रोचमेंट से न केवल शहर की सूरत बिगड़ रही है बल्कि जाम भी कम नहीं हो पा रहा है। अतिक्रमण की जद में कराह रहे शहर को जाम से मुक्ति दिलाने में डीएम-एसएसपी तक सड़क पर उतर जा रहे हैं फिर भी अतिक्रमणकारियों पर कोई प्रभाव नहीं है। सुबह साहब अतिक्रमण हटवा रहे है तो शाम तक अतिक्रमणकारी फिर से काबिज हो जा रहे हैं।

यहां ज्यादा शिकायत

शहर के चेतगंज, नई सड़क, गोदौलिया, गिरजाघर, मैदागिन, भेलूपुर, चौकाघाट, लक्सा रोड, काशी स्टेशन- राजघाट मार्ग, बेनियाबाग, पांडेयपुर, आजमगढ़ रोड, भदैनी समेत पांच दर्जन जगहों पर सड़क किनारे अतिक्त्रमण हमेंशा कायम रहता है। दरअसल, नगर निगम जोनवार सर्वे कराकर अवैध कब्जों को चिन्हित करता है। पिछले महीनों में पंद्रह सौ से ज्यादा स्थायी और अस्थायी अतिक्रमण चिन्हित किए गए हैं।

कानून तमाम पर सिफर परिणाम

अतिक्रमण करने पर चालान, जुर्माना व सामान जब्त करने का भी प्रावधान है। यही नहीं जेल भी जाना पड़ सकता है फिर भी कार्रवाई नहीं होने से अतिक्रमणकारी कानून से नहीं डरते। डीएम ने पिछले दिनों पांडेयपुर-आजमगढ़ रोड, सिंधौरा मार्ग से कब्जा हटवाया था। लेकिन एक दो दिन में ही स्थिति जस की तस हो गयी।

तो इसलिए नहीं हट रहा कब्जा

अक्सर प्रशासन अभियान चलाकर कब्जा हटाता है। लेकिन फिर सवाल ये कि अतिक्रमण परमानेंट क्यों नहीं हट रहा है। तो इसका जवाब है कब्जेदारों पर कड़ी कार्रवाई नहीं होना। जी हां अक्सर प्रशासन चेतावनी या फिर जुर्माना लगाकर अतिक्रमणकारियों को छोड़ देता है। अधिकारियों और कर्मचारियों की ढिलाई भी कब्जामुक्त शहर की राह में बाधा बन रही है।

एक नजर

70

से अधिक जगहों पर जनवरी में हुई कार्रवाई

537 से अधिक अतिक्रमणकारियों का चालान

2.34

लाख रुपये वसूला जुर्माना

150

से अधिक अतिक्रमण तोड़े गए

5 से 50

हजार तक लगता है जुर्माना अतिक्त्रमण के हिसाब से

1032

स्थायी व अस्थायी कब्जे हुए चिन्हित

सभी जोनल अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि अतिक्रमण करने वालों को चिन्हित कर उन पर विधिक कार्रवाई करें।

डॉ। नितिन बंसल, नगर आयुक्त

लंका पर फिर से अतिक्रमणकारी सक्रिय हो गए हैं। सड़क की पटरियों तक पर अस्थाई दुकानें, ठेला-खोंमचा लग रहा है।

धीरज मिश्रा, फेसबुक

वीडीए चाह जाए तो फिर अवैध जितने मकान, दुकान है जमींदोज हो जाए, लेकिन चाहते हुए भी कोई कार्रवाई नहीं होती है। जब तोड़ने जाएंगे तो फिर राजनीति शुरू हो जाती है।

अमित विश्वकर्मा, फेसबुक

नई सड़क पर अतिक्रमण अधिक है। ठेले-खोंमचे वाले फैले हुए हैं। जिससे ट्रैफिक जाम की स्थिति भी रोजाना पब्लिक को फेस करनी पड़ती है।

धनंजय राय, फेसबुक

अतिक्रमणकारी तभी मानेंगे जब सख्ती से उन पर कार्रवाई की जाएगी। अधिकारी तो चाहते हैं कि अतिक्रमण मुक्त शहर हो पर कब्जा हटाने मं राजनीति शुरू हो जाती है।

अभय प्रताप सिंह, फेसबुक