-शहर में मच्छरों का बढ़ा प्रकोप तो लोगों को भाने लगी मच्छरदानी

-मच्छरों के आगे फेल हुआ लिक्विड, क्वॉयल और स्प्रे

मौसम में गर्माहट आते ही घरों में मच्छरों की तादाद बढ़ने लगी है. सिटी में गंदगी व नाले के गंदे पानी के कारण ये समस्या बढ़ती जा रही है. इसके बाद भी नगर निगम व स्वास्थ्य विभाग द्वारा नियमित फॉगिंग नहीं होने से मच्छरों का आतंक बढ़ रहा है. इससे बचने के लिए बाजार में मौजूद केमिकल्स, लिक्विड क्वॉयल, स्प्रे और रिफिल्स भी अब काम नहीं आ रहें. ऐसे में अब लोगों के लिए मास्क्यूटो नेट ही सहारा बन रहा है. लोगों में नेट के बढ़ते डिमांड को देखते हुए बाजार में एक से बढ़कर एक मास्क्यूटो नेट आ चुके है. दालमंडी से लेकर दशाश्वमेध के बाजार में मास्क्यूटो नेट धड़ल्ले से बिक रहे है.

मेडिकेटेड नेट की भी मांग

वैसे तो बाजार में मच्छरों के प्रकोप से बचने के लिए अलग-अलग साइज और शेप के तमाम मास्क्यूटो नेट उपलब्ध है, लेकिन इन दिनों को लोगो को खास तरह की हर्बल और अत्याधुनिक मेडिकेटेड नेट ज्यादा पसंद आ रहे है. ये क्वाइल और लिक्वीडेटर की तुलना में बहुत बेहतर भी है. इस नेट में खास तरह का केमिकल लगा हुआ है, जो मच्छरों को नेट के आस पास पटकने तक नहीं देता. नेट लगाते ही जैसे ही कोई मच्छर इससे टच होता है, वह वहीं दम तोड़ देगा. इससे कमरे में पल रहे मच्छरों की संख्या कम हो जाती है.

पोर्टेबल मास्क्यूटो नेट

इन दिनों बाजार में कई किस्म के डिजाइनर 'पोर्टेबल मास्क्यूटो नेट' उपलब्ध है.ये नेट डबल बेड के आकार से दोगुने वाला है. इसकी कीमत एक से पांच हजार रुपये तक है. खास बात ये हैं कि एक किलोग्राम के इस नेट को बेडशीट की तरह मोड़ा जा सकता है. इसमें कोई मेटल नहीं है न ही इसके किनारे नुकीले हैं. मॉस्क्यूटो नेट के साथ दो इनफ्लैटेबल सपोर्ट है जो नेट को बेहतर तरीके से लगाने में मदद करता है. इस नेट के आकार को आवश्यकतानुसार बढ़ाया-घटाया भी जा सकता है. इन नेट्स की बिक्री ऑनलाइन साइट्स पर भी खूब हो रही है.

मच्छर जग गए, पर सो रहे अधिकारी

गर्मी आते ही भले ही शहर में आतंक मचाने के लिए मच्छर जग गए हो, लेकिन इनके खात्में की जिम्मेदारी निभाने वाला नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग के अफसर अभी भी चैन की नींद लिए हुए है. इन दोनों विभाग की मच्छर मुक्ति योजनाएं कागज पर ही चल रही हैं. स्वास्थ्य विभाग मलेरिया उन्मूलन के लिए न दवा का छिड़काव कर रहा और न फॉगिंग. यही वजह है कि शहर के लोग खुद पैसा खर्च कर मच्छरों से बचने का इंतजाम कर रहे है.

रेसिस्ट हो गए मच्छर

चिकित्सकों की माने तो शहर में उड़ रहे

मच्छररोधी रसायन भी अब अप्रभावी हो रहे है. मच्छर भगाने के लिए इस्तेमाल मे आने वाले मच्छररोधी रसायन डीडीटी, मैलाथाइन व पाइरोथ्राइड का असर अब कम हो गया है. इन दवाओं से मच्छर रेसिस्ट हो गये हैं. इस लिए अब लोगों के पास इससे बचने के लिए सिर्फ मॉस्क्यूटो नेट ही एक मात्र विकल्प बचा है.

ये है नेट के रेट

150 से 500

तक के सामान्य मास्क्यूटो नेट

800 से 2000

तक के पोर्टेबल मास्क्यूटो नेट

1000 से 3000

तक के मेडिकेटेड मास्क्यूटो नेट

मच्छरदानी के फायदे

मच्छरदानी मच्छरों से बचने का ये सबसे सस्ता और सबसे बेहतरीन उपाय है. मच्छरदानी लगाने से मलेरिया संक्रमण, डेंगू जैसी बिमारियों से बचा जा सकता है.

इधर एक सप्ताह से मास्क्यूटो नेट की बिक्री में इजाफा हुआ है. ऐसा इसलिए कि शहर में गर्मी के साथ मच्छरों की संख्या बढ़ गई है. ग्राहकों का कहना है कि क्वायल और लिक्विड व रिफिल से मच्छर नहंी मर रहे.

-अफजल, दुकानदार, सिगरा

अभी तक तो कुंभ में ड्यूटी लगी हुई थी. 15 मार्च के बाद इस पर काम शुरु किया जाएगा.

सरत चंद्र पांडेय, डीएमओ