लोकतंत्र का त्योहार धीरे-धीरे अपने शबाब की ओर बढ़ रहा है. इस लोकतंत्र के उत्सव में हर युवा वोट के जरिए अपनी भागीदारी निभाने को बेताब है. इसी बेताबी को अपने पक्ष में करने के लिए तमाम राजनीतिक पार्टियाें ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है. अपने तमाम उबलते मुद्दों को लेकर मिलेनियल्स वोटरों ने चुनावी चर्चा के दौरान अपनी पसंद की सरकार चुनने के लिए रायशुमारी भी शुरू कर दी है. चाय के साथ चर्चा के दौरान यंगस्टर्स वोटरों ने बेरोजगारी, शिक्षा नीति, देश की सुरक्षा, स्वच्छता के साथ राम मंदिर को लेकर कड़क तरीके से बात रखी. इन उबलते मुद्दों पर चर्चा के लिए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने मिलेनियल्स स्पीक के रूप में प्लेटफॉर्म दिया. सिगरा स्थित अमन टी स्टाल पर शनिवार को राजनी टी पर मिलेनियल्स वोटरों ने खास मुद्दों पर चर्चा की.

विदेश नीति में सुधार की जरूरत

सीमा सुरक्षा और विदेश नीति पर यंगस्टर्स ने अपनी बात बेबाकी से रखी. उन्होंने कहा कि भारत की विदेशी नीति अच्छी है. इसके सार्थक परिणाम दिख रहे हैं. आतंकवाद के मुद्दे पर अमेरिका, रूस, जापान, ब्रिटेन जैसे तमाम शक्तिशाली देशों ने यूएन में भारत का समर्थन किया और सदस्यता पर जोर दिया. आने वाली सरकार से इसमें थोड़ा सुधार की उम्मीद है. ताकि कोई व्यक्ति देश का पैसा लूटकर विदेश में पनाह न ले पाए. सीमा की सुरक्षा और भी सख्त करने की जरूरत है. हालांकि बहुत हद तक काम हुआ है.

बेरोजगारी नहीं हो रही खत्म

नौकरी के मुद्दे पर मिलेनियल्स वोटरों ने आने वाली सरकार से उम्मीदों की झड़ी लगा दी. कहा कि आज के युवाओं की पहली प्राथमिकता नौकरी ही है. किसी भी सरकार ने इस पर काम नहीं किया. युवाओं को रोजगार मुहैया कराने के बारे में ठोस प्लानिंग होनी चाहिए. महज आंकड़ों और जुमलेबाजी से काम नहीं चलने वाला है. आज कल भारत युवाओं का देश कहा जाता है. वोट उसे ही जाएगा जो सरकार युवाओं को रोजगार देगी, रोजगार से गरीबी और बेरोजगारी खत्म होगी.

कड़क मुद्दा

कड़क मुद्दे की बात करें तो शिक्षा अहम मुद्दा रहा. यंगस्टर्स ने कहा कि अच्छी शिक्षा सभी बच्चों का अधिकार है. सरकार की सख्ती के बावजूद निजी स्कूलों में फीस निर्धारण नीति का पालन नहीं किया जा रहा है. तू डाल, डाल तो मैं पात-पात के पैटर्न पर प्राइवेट स्कूल काम कर रहा है. सीबीएसई बोर्ड के स्कूलों में फीस में जबर्दस्त अंतर है. आने वाली सरकार से यही उम्मीद है कि स्कूलों की व्यवस्था सरकार के हाथ होनी चाहिए. ऑनलाइन व्यवस्था के चलते भ्रष्टाचार पर थोड़ा अंकुश लगा है, लेकिन बंद नहीं हो पाया है. भ्रष्टाचार के चलते आम आदमी आज भी परेशान हैं.

मेरी बात

पुरानी शिक्षा पद्धति में बदलाव की जरूरत है. हाईस्कूल से ही पाठ्यक्रमों में ही पत्रकारिता समेत सभी सामाजिक मुद्दों को विषय बनाकर शामिल किया जाना चाहिए. नोटबंदी जैसा ही सख्त निर्णय शिक्षा प्रणाली में बेहतर के लिए जरूरी है. आने वाली सरकार से बेहतर शिक्षा की उम्मीद है.

डॉ. रमेश सिंह

गरीबों की उन्नति के लिए सरकार काम कर रही है, लेकिन जमीनी स्तर पर योजनाओं का लाभ नहीं पहुंचने से उनका विकास बाधित हो रहा है. आने वाली सरकार से उम्मीद है कि गरीबों के लिए और भी अच्छी योजना लाएगी.

-दिग्विजय त्रिपाठी

सभी क्षेत्रों में सरकार तो बहुत काम कर रही है, लेकिन निजी स्कूलों पर लगाम लगाने में असफल रही है. निजी स्कूलों की मनमानी के चलते सभी बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं मिल पा रही है. आने वाली सरकार से यही उम्मीद है कि निजी स्कूलों पर सख्ती करे.

-शिव बहादुर सिंह

रोजगार, विकास, महिला सुरक्षा की तरह राम मंदिर का निर्माण भी युवाओं का प्रमुख मुद्दा है. लम्बे समय से मंदिर को लेकर माहौल बनाया जा रहा है, लेकिन अभी तक कोर्ट और पक्षकारों के चंगुल में फंसा है. आने वाली सरकार से अयोध्या में भव्य राम मंदिर की उम्मीद है.

-प्रतीक सिंह

देश में रोजगार पहली प्राथमिकता है. निश्चित तौर पर सरकार ने अच्छे कार्य किए गए हैं. लेकिन विकास के मुद्दों पर अगर बात करें तो जिस गति से होना चाहिए उस गति से नहीं हो रहा है. विकास में गति लाने के लिए सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए.

-राहुल सरोज

बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है. सभी पार्टियां बस हवा-हवाई बातें करती हैं. किसी के पास भी युवाओं के लिए रोजगार को लेकर कोई ठोस नीति नहीं है. इससे युवाओं में बेरोजगारी बढ़ती जा रही है. हमें ऐसा प्रतिनिधि चाहिए जो रोजगार के रास्ते तलाशे.

- शशि शर्मा

देश की सुरक्षा सबसे अहम मुद्दा है, जिस पर सभी दलों को बात करनी चाहिए. देश सुरक्षित रहेगा तो सारे मुद्दों पर बात होगी. इसके अलावा भ्रष्टाचार पर भी नीति स्पष्ट होनी चाहिए. ऐसे प्रतिनिधि को ही वोट करुंगा, जो देश की सुरक्षा और भ्रष्टाचार पर बात करे.

-विकास राय

राष्ट्रीय सुरक्षा पर जो सरकार सबसे अहम फैसले ले, ऐसी सरकार को हमें चुनना चाहिए. देश की सुरक्षा से किसी प्रकार का कोई समझौता नहीं किया जा सकता है. इसके बाद रोजगार सबसे बड़ा इश्यू है.

-समीर मिश्रा

सतमोला खाओ, कुछ भी पचाओ

मिलेनियल्स स्पीक में नोटबंदी का मुद्दा प्रमुख रहा. चर्चा में शामिल यंगस्टर्स ने कहा कि नोटबंदी के चलते देश में काफी सुधार आया. पब्लिक को थोड़ी परेशानी जरूर हुई, लेकिन बॉर्डर और पुलवामा को छोड़ दिया जाए तो देश के किसी भी हिस्से में कोई आतंकी घटना नहीं हुई. स्टेशन, ट्रेन, धार्मिक स्थल, बाजार पूरी तरह से सुरक्षित है. यह सब नोटबंदी की बदौलत हो पाया है. आने वाली सरकार से भी यही उम्मीद है कि देश हित में कठोर निर्णय अगर लेना हो तो हिचके नहीं.