-जिला योजना के लिए 3 अरब 82 करोड़ 35 लाख रुपए का प्रस्ताव पारित

उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं जिले के प्रभारी मंत्री सुरेश खन्ना की अध्यक्षता में वाराणसी की जिला योजना के लिए 3 अरब 82 करोड़ 35 लाख रुपए का प्रस्ताव पारित हुआ. जिसमें एससीएसपी एवं टीएसपी मद में 76 करोड़ 42 लाख का परिव्यय प्रस्तावित किया गया है तथा पूंजीगत कायरें पर 2 अरब 40 करोड़ 66 लाख रुपए का परिव्यय रखा गया है. केंद्र सरकार के अंशदान के साथ संचालित विभिन्न योजनाओं मे राज्यांश के रूप में 260 करोड़ 25 लाख परिव्यय प्रस्तावित किया गया है.

चमकेंगे पर्यटक स्थल

जिला योजना में पंचायत भवनों, गांवों में सीसी रोड, केसी ड्रेन निर्माण कार्यो के लिए 38 करोड़ 55 लाख रुपए, जबकि सड़क एवं पुल निर्माण के लिए 46 करोड़ 37 लाख प्रस्तावित किया गया है. इसके साथ ही बैठक में दो करोड़ 85 लाख रुपए से 26 पर्यटक स्थलों के विकास की योजना बनाई गई. पेयजल कायरें के लिए 26 करोड़ 67 लाख रुपये प्राविधानित किए गए. जिसमें लगभग 12 करोड़ रुपए ग्रामीण पेयजल व 14.50 करोड़ नगरीय पेयजल पर व्यय पर प्रस्तावित है. इसमें हैंडपंपों के निर्माण, पाइप पेयजल निर्माण, नलकूप निर्माण के कार्य होंगे.

शौचालयों का होगा निर्माण

जिला योजना में 52 करोड़ 30 लाख रुपये से 42243 शौचालयों का निर्माण तथा 32 करोड़ 52 लाख से प्रधानमंत्री आवासों के निर्माण प्रस्तावित किए गए हैं. निराश्रित महिलाओं के पेंशन के लिए लगभग 10 करोड़ रूपये व्यय का प्राविधान किया गया है. दिव्यांगों के कल्याण कायरें के लिए 12 करोड़ 30 लाख रुपए प्राविधानित किया गया है. नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना ने लघु एवं सीमांत कृषकों के लिए निशुल्क बोरिंग योजना का प्रचार-प्रसार कराए जाने पर विशेष जोर दिया. वन विभाग विशेष क्षेत्रों का चुनाव कर हरियाली के लिए पौधरोपण कार्य कराने के साथ ही उनके सुरक्षा का भी प्रबंध सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. राज्य मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी द्वारा पूरे पंचक्रोशी परिक्रमा मार्ग पर छायादार पौधों को लगाने का सुझाव दिया. प्रभारी मंत्री द्वारा प्रभागीय वन अधिकारी को पौधरोपण के लिए एक सप्ताह के अंदर प्लान बनाकर कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया.

ये रहे बैठक में शामिल

बैठक में प्रदेश सरकार के मंत्री अनिल राजभर, राज्य मंत्री डॉक्टर नीलकंठ तिवारी, एमएलसी डॉक्टर लक्ष्मण आचार्य सहित डीएम सुरेंद्र सिंह, सीडीओ गौरांग राठी, जिला योजना समिति के विभिन्न सदस्य व विभागीय अधिकारी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे.