- चुनार गेस्ट हाउस में की सोनभद्र नरसंहार पीडि़तों से मुलाकात

-वाराणसी पहुंचने पर बाबा विश्वनाथ और कालभैरव के किये दर्शन

-तृणमूल कांग्रेस के सांसदों भी धरने के बाद मिल सके पीडि़त परिवारों से

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प्रियंका गांधी के हठ के आगे आखिरकार सरकार को झुकना ही पड़ा। मिर्जापुर प्रशासन ने शनिवार को चुनार किले में मौजूद गेस्ट हाउस में सोनभद्र नरसंहार में मृतकों के परिजनों को बुलाकर उनसे मिलवाया। पीडि़त परिवार की पांच महिलाएं प्रियंका को देखते ही दहाड़ें मारकर रो पड़ीं। उन्होंने पीडि़तों को ढांढस बंधाते हुए हर तरह का सहयोग देने का अश्वासन दिया। इसके बाद प्रियंका गांधी बनारस पहुंची। यहां उन्होंने काशी विश्वनाथ और कालभैरव मंदिर में हाजिरी लगाई। इसके बाद वह दिल्ली लौट गई। वहीं पीडि़तों से मिलने तृणमूल कांग्रेस के सांसदों की टीम भी पहुंची। प्रशासन द्वारा रोकने पर एयरपोर्ट पर ही धरना दिया। इसके बाद उनकी भी मुलाकात पीडि़त परिवारों से करायी गयी।

26 घंटे बाद पूरा हुआ मकसद

शनिवार को धरने के 26 घंटे बाद प्रियंका गांधी से जब सोनभद्र नरसंहार में मृत लोगों के परिजन मिले, तब जा कर प्रियंका गांधी ने अपना धरना समाप्त किया। चुनार किले में प्रियंका गांधी ने पीडि़त महिलाओं से मिलीं। इसके बाद पीडि़तों के साथ बाहर आईं। उन्होंने कहा कि मेरा मकसद पूरा हुआ और हमारी कुछ मांगे हैं। पीडि़तों को 25-25 लाख मुआवजा दिया जाए, मुकदमा फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया जाए, पीडि़तों को जमीन का मालिकाना हक मिले और निर्दोषों पर किए गए झूठे मुकदमे वापस लिया जाए। कांग्रेस भी पीडि़तों की आर्थिक मदद करेगी।

शीला दीक्षित के निधन पर जताया दुख

धरना खत्म करने के बाद शनिवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी दोपहर सवा दो बजे काशी के लिए रवाना हो गईं। वाराणसी पहुंचने पर उन्होंने कोतवाल बाबा काल भैरव और काशी विश्वनाथ के दर्शन करने पहुंचीं। मंदिर से बाहर आने पर पत्रकारों से बाचतीत में प्रियंका गांधी ने दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के निधन पर दुख जताया। इसके बाद कांग्रेस महासचिव वाराणसी एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गईं।

एयरपोर्ट पर दिया धरना

सोनभद्र नरसंहार को लेकर सियासत तेज हो गई है। शुक्रवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाराणसी पहुंची तो उन्हें सोनभद्र नहीं जाने दिया गया। शनिवार को तृणमूल कांग्रेस के सांसदों का दल सोनभद्र जाने के लिए वाराणसी एयरपोर्ट पर पहुंचा, जहां उन्हें हिरासत में ले लिया गया। तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रॉयन, सुनील मंडल, अबीरंजन बिस्वास ने एयरपोर्ट पर ही धरना शुरू कर दिया। पुलिस ने तीनों को रोक लिया। एडीएम प्रशासन, एसपीआरए, सहित पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। इसके बाद से तीनों नेता एयरपोर्ट पर ही धरने पर बैठ गए। इसी बीच एयरपोर्ट पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर, जितिन प्रसाद, आरपीएन सिंह, मुकुल वासनिक, राजीव शुक्ला, दीपेंद्र हुड्डा, प्रजानाथ शर्मा पहुंते तो पुलिस ने उन्हें भी हिरासत में लिया। डीएम सुरेंद्र सिंह के पहुंचने के बाद सभी नेताओं को बीएचयू ट्रामा सेंटर में एडमिट घायलों से मिलने जाने की अनुमति मिली। फिर 12.50 बजे टीएमसी के तीनों सदस्य बीएचयू ट्रामा सेंटर के लिए रवाना हो गए।

संसद में उठायेंगे मामला

टीएमसी के डेरेक ओ ब्रायन दो सांसदों के साथ बीएचयू ट्रामा सेंटर पहुंच कर पीडि़तों का हाल लिया। साथ ही घायलों के इलाज की जानकारी ली। पत्रकारों से बातचीत में डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि हमें सोनभद्र जाने से पुलिस ने रोका। कहा कि पीडि़तों से मिलने से रोककर प्रशासन ने अन्याय किया है। ऐसा करके भाजपा की सरकार ने हमारी आवाज को दबाने का प्रयास किया है। सोमवार को इस पूरे मुद्दे को संसद में उठाया जाएगा कि आखिर पीडि़तों से सांसदों को क्यों नहीं मिलने दिया जा रहा है।

कार्यकर्ताओं को दिया संदेश

कांग्रेस कार्यकर्ताओं से प्रियंका गांधी ने कहा कि पार्टी को खड़ा करने की चिंता न करें। सिर्फ उत्पीडि़त जनता के दुखों व परेशानियों के साथ खड़े हो जाएं, पार्टी खुद-ब-खुद खड़ी हो जाएगी। प्रियंका ने कहा कि सोनभद्र जैसा मामला पहला नहीं है। ऐसे मामले प्रदेश में कई हैं जिसमें शासन व प्रशासन की ओर से जनता का उत्पीड़न हो रहा है। ऐसे लोगों के साथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं को खड़ा रहना होगा। हर स्तर पर मदद करनी होगी। जरूरत पड़े तो धरना-प्रदर्शन से भी गुरेज नहीं करें।