- बिजली न आने की वजह से पानी को भी तरसे लोग

- सुबह उठते ही पानी की किल्लत से हुआ सामना

- जल निगम के अंडर में सिटी के 90 ओवर हेड टैंक

Meerut : बिजली ने तो सिटी के लोगों को रुलाया ही हुआ है, अब पानी ने भी आंसू निकालने शुरू कर दिए है। बुधवार को सिटी में करीब छह लाख लोगों को पानी नसीब नहीं हुआ। जब लोग सुबह उठे तो पानी के लिए हाहाकार मचना शुरू हो चुका था। हालत ये रही कि कई लोगों ने सुबह नहाने की जगह मुंह हाथ धोकर ही काम चलाया। घर में खाना बनाने के लिए पानी खरीदकर लाना पड़ा। वहीं जल निगम इतना नाकारा निकला कि किसी भी पंप पर जेनरेटर्स नहीं चलाए गए।

पानी को तरसे लोग

बुधवार का दिन सिटी के लोगों के लिए काफी परेशानी भरा रहा। पूरी रात बिजली न होने से पब्लिक ठीक से सो ही नहीं पाई थी। सुबह उठे तो उन्हें एक और बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ा। जब लोग सुबह अपनी दिनचर्या की शुरुआत करने के लिए उठे तो पानी की टोंटी को खोला तो उन्हें हवा के अलावा कुछ नहीं मिला। ताज्जुब की बात तो रही कि पूरी रात बिजली न आने के कारण मंगलवार को शाम को भी पानी नसीब नहीं हुआ। जब बिजली ही नहीं आई तो पानी की मोटर कैसे चलती? मोटर नहीं चली तो पानी कैसे भरेगा। इसलिए लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।

छह लाख लोगों को हुई परेशानी

ये कहानी सिर्फ एक या दो इलाकों मे ही नहीं रही। जबकि दर्जनों इलाकों में लाखों लोग पानी की समस्या से प्रभावित हुए। प्राप्त जानकारी के अनुसार यूनिवर्सिटी से लेकर मेडिकल और जागृति विहार के इलाके में सबसे ज्यादा परेशानी हुई। लोगों की मानें तो इन इलाकों में पानी की सप्लाई भी ठक नहीं है। बिजली न आने की वजह से न तो मोटर चली और सबमर्सिबल ही काम किया। जागृति विहार निवासी कपिल शर्मा ने बताया कि सुबह दस बजे तक बिजली गायब रही, मोटर चलाने के बाद भी काफी देर तक पानी की सप्लाई नहीं हुई। ऑफिस से काफी देर तक पहुंचा। जागृति विहार के अलावा मंगल पांडे नगर, शास्त्री नगर, दामोदर कॉलोनी, शिवशक्ति विहार, अजंता कॉलोनी आदि में पानी नहीं आया। वहीं थापर नगर, ब्रह्मपुरी, शारदा रोड, माधवपुरम, शताब्दी नगर, सदर, रजबन आदि इलाकों में भी पानी की काफी किल्लत का सामना करना पड़ा।

तो नहीं चले जेनरेटर्स

बिजली न आने की स्थिति पब्लिक को समय से पानी की सप्लाई करने के लिए निगम जेनरेटर चलाकर पानी की सप्लाई करती है। सवाल ये है कि क्या सिटी में लोगों को पानी की सप्लाई करने के लिए जेनरेटर नहीं चलाए गए? दूसरा सवाल ये है कि क्या निगम के अधिकारियों के पास जेनरेटर चलाने के लिए डीजल नहीं था? अधिकारियों की मानें तो सभी जेनरेटर्स को चलाया गया था, लेकिन पानी की डिमांड के कारण प्रेशर कम होने की पूरी संभावना बनी रहती है। ऐसे में पानी सभी जगहों पर ठीक से नहीं पहुंचा होगा। अधिकारियों के अनुसार सिटी में क्ब् जेनरेटर्स लगे हुए हैं। फ् टाउन हॉल में, ख् सर्किट हाउस में, क्-क् जेनरेटर माधवपुरम, तेजगढ़ी, प्रहलाद नगर, गुजरी बाजार, रामबाग कॉलोनी, छिपी टैंक, विकासपुरी और कंकरखेड़ा में लगे हुए हैं।

90 ओएचटी और क्भ्म् ट्यूबवेल

सिटी में पानी की व्यवस्थाओं पर बात करें तो जल निगम के अंडर में कुल 90 ओवरहेड टैंक लगे हुए हैं, जिनमें से अधिकतर की हालत काफी बुरी है। किसी का ऊपर से कवर टूटने के कारण गंदगी पानी में जा रही है। तो किसी में पानी का लीकेज होने से पानी वेस्ट हो रहा है। कई बार शिकायत होने के बाद भी जल निगम ध्यान देने को तैयार नहीं है। वहीं अगर ट्यूबवेल की बात की जाए तो सिटी में जल निगम क्भ्म् ट्यूबवेल संचालित कर रहा है। इनका भी कुछ ऐसा ही हाल है जैसा ओएचटी का, लेकिन जल निगम के अधिकारी भीषण गर्मी और बिजली का कहर होने के बाद भी इन चीजों पर ध्यान देने को तेयार नहीं है। भले ही पब्लिक को कितनी ही परेशानियों का सामना करना पड़े।

तीन करोड़ रुपए बिल

पीएल शर्मा रोड निवासी अतुल त्यागी की मानें तो हम हर साल पानी का हजारों रुपए बिल देते हैं। उसके बाद भी पानी की किल्लत का सामना करना पड़ता है। अगर बिजली नहीं है तो दूसरे संसाधनों से पानी की व्यवस्था करें हम दोहरी मार क्यों सहे? ऐसा ही कुछ थापर नगर निवासी अमित शर्मा का कहना है। एक तो पूरी रात आंखों में ही कट गई। सुबह फ्रेश होने के लिए पानी न मिले तो पूरा दिन बर्बाद हो जाता है। आंकड़ों की जुबान से बात करें तो सिटी की जनता जल निगम को सालाना करीब तीन करोड़ करोड़ रुपए का रेवेन्यू यानी बिल देती है।

वर्जन

ये बात पूरी तरह से सही है कि लोगों को पानी की किल्लत झेलनी पड़ रही है। इसकी सबसे बड़ी वजह बिजली की सप्लाई न हो पाना है। मैंने बिजली डिपार्टमेंट के चीफ इंजीनियर और एसई अर्बन से बात की है। उन्होंने जल्द ही सब कुछ ठीक होने का आश्वासन दिया है। वैसे हम लोगों तक पानी पहुंचाने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं।

- संजीव राम चंद्र, जीएम, जल निगम

फैक्ट एंड फिगर

- सिटी में करीब म् लाख लोगों नहीं हुआ पानी नसीब।

- हर रोज पानी की डिमांड ख्ख्भ्-ख्भ्0 एमएलडी।

- पब्लिक को मिल रहा है क्70-क्90 एमएलडी।

- सिटी के लोग सालाना फ् करोड़ रुपए देते हैं पानी का बिल।

- जल निगम के लगे हुए हैं क्ब् जेनरेटर्स।

- नगर निगम द्वारा सिटी में संचालित होते हैं क्भ्म् ट्यूबवेल।

- जल निगम के अंडर में सिटी के 90 ओवरहेड टैंक।