तय नहीं है का काम का वक्त
पुलिसवालों की ड्यूटी का कोई फिक्स टाइम नहींहोना भी इसका एक कारण है.  आफिशियली तो उनकी 12 घंटे की वर्किंग होती है, लेकिन फोर्स की कमी के चलते कभी-कभी एक्सट्रा ड्यूटी करनी पड़ती है। पूर्व डीआईजी असीम अरुण ने पुलिस पर बढ़ते काम के लोड और स्मार्ट पुलिसिंग के लिए 8 घंटे वर्किंग शेड्यूल बनाया था लेकिन उनके ट्रांसफर के बाद यह शेड्यूल एक बार फिर हवा हो गया। इसके बाद डीआईजी मुथा जैन ने भी वर्किंग टाइमिंग शेड्यूल बनाया था। इसमें वन टाइम ड्यूटी निर्धारित की गई थी। अधिकारियों के ट्रांसफर के साथ ही फोर्स की कर्मी ने सारी प्लानिंग को धता बना दिया है।

बिगड़ी लाइफ स्टाइल  
ड्यूटी टाइम फिक्स न होने के चलते पुलिस कर्मियों की लाइफ स्टाइल भी बदल गई। बिजी शेड्यूल और बिगली लाइफ स्टाइल ने उनके वर्किंग और बॉडी दोनों पर असर दिखाना शुरू कर दिया। टाइम पर खाना और नींद न मिलने से उनका शरीर कमजोर हो रहा और साथ?ही उनका इम्यून सिस्टम कमजोर हो रहा है। यही वजह है कि उनकी बीमारियों से लड़ने की कैपिसिटी दिन ब दिन कमजोर हो रही है। इसी का नतीजा है कि डायबटीज, ब्लड प्रेशर, डिप्रेशन, स्पॉनलाइटिस, ओबेसिटी, कॉर्डियक और लीवर की बीमारियों से जूझ रहे हैं। पुलिस कर्मियों में सबसे ज्यादा डायबटीज, स्पॉनलाइटिस और ब्लड प्रेशर पेशेंट हैैं।

काम पर पड़ता है असर
वर्किंग स्टाइल और ओवर वर्कलोड के चलते पुलिस कर्मियों के वर्किंग पर भी असर पड़ता हैं। थाने में आपस में तू-तू, मैैं-मैैं तो होती ही है साथ ही वे डिप्रेशन में पब्लिक से मिसबिहेव कर बैठते हैं। डिप्रेशन और टेंशन में कई बार गलती भी कर बैठते हैं और उन्हें डिपार्टमेंट से फटकार भी मिलती है।

इलाज की व्यवस्था नहीं
पुलिस कर्मियों में गंभीर बीमारी का खुलासा हाल ही में  पुलिस लाइन में लगे मेडिकल कैंप में हुआ। आई.एम.ए की पहल से पुलिस लाइन में कैंप लगाया गया था जिसमें पुलिसकर्मियों और उनकी फैमिली का हेल्थ चेकअप किया गया था। बीमारियों से परेशनान पुलिस कर्मी ज्यादातर प्राइवेट डॉक्टर के पास जाते हैं। जबकि उनके पास सरकारी व्यवस्था है लेकिन सुविधा के नाम पर उन्हें कुछ?नहीं मिलता।

जिले में फोर्स
इंस्पेक्टर - 10
सब इंस्पेक्टर - 214
सी.पी हेड कांस्टेबल - 147
सी.पी कांस्टेबल     - 1177
ए.पी। हेड कांस्टेबल - 104
कांस्टेबल           - 385


पुलिस फोर्स में होने वाली बीमारी-
- डायबटीज
- लो एण्ड हाई ब्लेड प्रेशर
- डिप्रेशन
- स्पॉनलाइटिस
- ओबेसिटी
- हार्ट प्रॉब्लम
- लीवर प्रॉब्लम
- टेंशन

क्या है बीमारी के कारण-
- बिगड़ी लाइफ स्टाइल
- बिजी शेड्यूल
- अनहाईजनिक डाइट  

पुलिस की वर्किंग टाइम लगभग फिक्स है। डे ड्यूटी करने वाले पुलिस कर्मियों को नाइट में ड्यूटी नहीं कराई जाती। पुलिस की ड्यूटी टफ है। शेड्यूल के चलते बीमारी संभव है। उनके इलाज की भी डिपार्टमेंट व्यवस्था करता है।
शलभ माथुर, एसएसपी

 

report by : mayank.srivastava@inext.co.in