नए proposal से बंधी आस

सिटी बसों के साथ इनके लिए शहर में जरुरी इंफ्रास्ट्रक्चर भी डेवलप किए जाएंगे जिससे ट्रैफिक भी बेहतर हो सकेगा। राजधानी में मास ट्रांसपोर्ट के सस्ते साधन नहीं होने के कारण परेशानी है। इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी और प्राइवेट बस ऑपरेटरों की मनमानी की वजह से सिटी बस चलाने की कोशिशें बेकार गई थी। जवाहरलाल नेहरू नेशनल अर्बन रिन्यूअल मिशन के तहत पीपीपी मोड में सिटी बस चलाने के लिए तीन टेंडर निकले मगर कभी कोई बिडिंग नहीं हुई। फाइनली अर्बन डेवलपमेंट डिपार्टमेंट ने अर्बन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन फॉर्म कर सिटी बस चलाने की रिस्पांसिबिलिटी ली है।

Green signal to TCL

अर्बन डेवलपमेंट एंड हाउसिंग डिपार्टमेंट के एमडी जय सिंह ने बताया कि बिहार अर्बन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन लिमिटेड (टीसीएल) को फॉर्म करने का अप्रूवल मिल गया है। इसके हेड डेवलपमेंट कमिश्नर होंगे और इसमें टोटल सात डायरेक्टर होंगे। इसके तहत सिटी बस ऑपरेट करने के लिए टेंडर होगा। प्राइवेट प्लेयर्स बसें ऑपरेट करेंगे, गवर्नमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर अवेलेबल कराएगा। इसके लिए डिपार्टमेंट के पास जेनरुम फंड से 400 बसें परचेज होंगी। गवर्नमेंट फेयर डिसाइड करेगी और इनकी पार्किंग प्रोपोज्ड इंटर स्टेट बस टर्मिनल में होगी।

Highlights

- सिटी के सभी रूट्स में चल पाएंगी बसें।

- बिहार अर्बन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन लिमिटेड को मिली हरी झंडी।

- जेनरुम फंड से खरीदी जाएंगी 400 बसें।

- बस फेयर गवर्नमेंट डिसाइड करेगी।

- बसों की पार्किंग प्रोपोज्ड इंटर स्टेट बस टर्मिनल में होगी।

तो ladies से क्यों छीनी गई pink buses