- सिटी के वार्ड नंबर-18 समेत 21 वार्ड में स्कूल ही नहीं

- राइट टू एजुकेशन एक्ट के तहत जरूरतमंदों को नहीं मिल पा रही नि:शुल्क शिक्षा

GORAKHPUR: सर्व शिक्षा अभियान के तहत हर बच्चे को साक्षर बनाने की सरकार की कवायदें सीएम सिटी के ही 21 वार्डो से कोसो दूर हैं। शहर के इन वार्डो में सरकारी स्कूल तो छोडि़ए, प्राइवेट स्कूल तक का नामोनिशान नहीं है। वार्ड 18 जंगल तुलसीराम भी इसी कमी का शिकार है। यहां आज तक न तो सरकारी स्कूल ही बन सका और न ही प्राइवेट स्कूल्स का ही पता है। वहीं, शहर में कुछ वार्ड ऐसे भी हैं, जहां सरकारी स्कूल तो है लेकिन प्राइवेट स्कूल नहीं बन सके हैं जहां गरीब बच्चों को राइट टू एजुकेशन एक्ट के तहत नि:शुल्क शिक्षा का लाभ मिल सके। इन वार्डो के पार्षद कमिश्नर व डीएम तक से मुलाकात कर कई बार प्रार्थना पत्र देकर स्कूल बनवाने की मांग कर चुके हैं लेकिन प्रशासन के कान पर जूं तक नहीं रेंगती।

राइट टू एजुकेशन भी नसीब नहीं

वार्ड 18 (जंगल तुलसी राम पूर्वी बिछिया) में करीब 75 हजार से ज्यादा आबादी और 13 हजार से ज्यादा वोटर हैं। लेकिन इस वार्ड के दो दर्जन से ज्यादा मोहल्लों में प्राइवेट स्कूल नहीं हैं जहां जरुरतमंद बच्चों को राइट टू एजुकेशन एक्ट के तहत नि:शुल्क शिक्षा का लाभ मिल सके। यही नहीं यहां प्राथमिक विद्यालय तक नहीं खुल सका है। पार्षद पति राकेश निषाद बताते हैं कि राइट टू एजुकेशन एक्ट में ऐसा नियम भी बनाया गया है कि एक वार्ड का बच्चा दूसरे वार्ड के प्राइवेट स्कूल में दाखिला भी नहीं ले सकता है। ऐसे नियम के चक्कर में इसका लाभ भी इस वार्ड के बच्चों को नहीं मिल पाता है। इस संबंध में नगर शिक्षा अधिकारी ब्रह्मचारी शर्मा का कहना है कि वार्ड नंबर 18 समेत ऐसे वार्ड जहां प्राथमिक विद्यालय नहीं है, उनके लिए जमीन तलाशी जा रही है। जमीन नहीं मिलने के कारण यह दिक्कत आ रही है। बहुत जल्द यह समस्या दूर कर ली जाएगी।

वर्जन

वार्ड में सरकारी स्कूल नहीं है और वार्ड नंबर 18 में आरटीई के तहत शिक्षा का लाभ नहीं पा रहा है। इसके लिए नगर शिक्षा अधिकारी को मौके पर भेजा जाएगा। रिपोर्ट आने के बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।

- बीएन सिंह, बीएसए