-भीख मांगते बच्चों के प्रति अवेयर करने के लिए शुरू किया 'वन गो वन इम्पैक्ट कैंपेन'

-6,400 किमी की पैदल यात्रा पूरी कर चुके हैं आशीष, 11 राज्यों में जगाई अलख

सड़क पर भीख मांगते बच्चों पर तरस खाकर आप अक्सर उन्हें कुछ न कुछ दे ही देते होंगे। मगर कभी सोचा है कि भीख देना इन बच्चों में इस कुप्रवृत्ति को बढ़ावा देना और पढ़ाई-लिखाई से उनका ध्यान भटकाना है, नहीं न। पूरे देश से इसी 'नहीं न' को दूर करने के लिए एक इंजीनियर पैदल यात्रा पर निकला है। नाम है आशीष शर्मा। अपने 'वन गो वन इम्पैक्ट कैंपेन' के तहत आशीष ने 17 हजार किमी की यात्रा का लक्ष्य रखा है। 11 राज्यों में वह 6,400 किमी की पदयात्रा पूरी भी कर चुके हैं।

युवा जुड़ेंगे, तभी बच्चे आगे बढ़ेंगे

एरोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद अच्छे पैकेज पर जॉब करने वाले आशीष ने बताया कि वह बचपन से वृद्धाश्रम जाते रहे हैं। बुजुर्गो की तकलीफ को देखकर उन्हें एहसास हुआ कि इसकी जड़ बच्चों में है। बच्चे खुश नहीं होंगे तो बुजुर्ग सुखी नहीं रह सकते। कुछ करना था मगर यह पता नहीं था कि शुरुआत कहां से करें। भीख मांगने वाले बच्चों से मिलने के बाद उन्होंने तय किया कि बड़े पैमाने पर इस काम को करने के लिए युवाओं को जोड़ना जरूरी है। उनकी जगाई अलख से ही गरीब परिवार जागरूक होंगे और बच्चों को भीख मांगने के बजाए स्कूल में पढ़ाई करने भेजेंगे।

और छोड़ दी नौकरी

मैकेनिकल इंजीनियर आशीष को जल्द ही एहसास हो गया कि उन्हें क्या करना है। इसके बाद उन्होंने नौकरी छोड़ी और 22 अगस्त को झोला उठाकर भारत भ्रमण पर निकल पड़े। दुआएं फाउंडेशन से उन्हें मदद मिली। 10 महीनों में 6,400 किमी की पदयात्रा कर चुके आशीष हर शहर में अधिकारियों, नेताओं के अलावा स्कूल-कॉलेजों में जाकर युवाओं से मिलते हैं और बाल भिक्षावृत्ति रोकने के लिए पहल करने की अपील करते हैं। आशीष के मुताबिक, उनकी इस अपील का असर भी होता है। अपने अभियान में उन्होंने 29 राज्यों, 7 केंद्र शासित प्रदेशों के 49,00 गांवों में अलख जगाने का लक्ष्य रखा है।

मोबाइल एप भी करेगा मदद

आशीष ने बताया कि अपने दोस्तों की मदद से वह एक मोबाइल एप भी डेवलप कर रहे हैं। इससे आम लोग भी सड़क पर किसी बाल भिक्षुक को देखकर उसकी तस्वीर एप पर अपलोड कर सकेंगे। इसके बाद पुलिस अधिकारी या स्थानीय संस्थाएं उन बच्चों को मुक्त कराकर उनकी पढ़ाई का प्रबंध कर सकेंगी।

यह है सफर

- जम्मू के ऊधमपुर से की शुरुआत

- जम्मू, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, गोवा, दमन, सिलवासा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड है यात्रा के दायरे में

- यूपी में सहारनपुर, देवबंद, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, बदायूं, अलीगढ़, मथुरा, आगरा, कानपुर, लखनऊ, इलाहाबाद होते हुए पहुंचे बनारस।