- वन विभाग को अभी तक न मिल सका बाघ, गांव वालों ने बाघ देखे जाने की पुष्टि की

- बीते 19 अक्टूबर से शहर के आस-पास के गांवों में फैली हुई बाघ की दहशत

LUCKNOW: लखनऊ से सटे इलाकों में बाघ सामने आने की खबर ने दहशत फैला रखी है। वन विभाग भले ही बाघ को बचाने के लिए उसे जिंदा पकड़ना चाहता है, लेकिन गांव के लोग बाघ का मारने की योजना बना रहे हैं। माल, काकोरी और मलिहाबाद के लोग अब बाघ के दुश्मन बन गए हैं। इनके पास हथियार भले न हो, लेकिन लाठी-डंडो के साथ ही चारा काटने के लिए आने वाले तमाम औजार पैने कर लिए हैं।

गांव वालों ने की बाघ देखे जाने की पुष्टि

थर्सडे को बाघ की तलाश में वन विभाग की टीम ने कई इलाकों में कॉम्बिंग की। लेकिन उसे बाघ तो दूर अब उसके नए पग मा‌र्क्स तक नहीं मिल रहे हैं। वहीं माल गांव के जानकी नगर और कटौली के अलावा काकोरी के हसन खेड़ा में गांव वासियों ने बाघ देखे जाने की पुष्टि की है। इस बात की सूचना भी वन विभाग की टीम को दी गई, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।

कहने लगे, टीम से भरोसा उठा

बाघ की दहशत से पिछले दो हफ्तों से जूझ रहे लोगों ने कहा कि अब वन विभाग की टीम से हमारा भरोसा उठ गया है। बीते क्9 अक्टूबर से तमाम गांवों में बाघ की दहशत फैली हुई है। बाघ से निपटने के लिए लोगों ने अपने घरों में सिर्फ पत्थर ही नहीं जुटाए है, बल्कि लाठी और बल्लम की व्यवस्था की गई हैं।

हथियार रख रहे अपने पास

वहीं गोपरा मऊ के लोगों ने बताया कि हर घर में तेज लाइट वाली तमाम टॉर्चो के अलावा चारा काटने के लिए प्रयोग किए जाने वाले हथियार रख लिए गए हैं। इसके अलावा बेलचा और फावड़ा भी लोगों ने ऐसी जगह रख लिए हैं जहां पर तुरंत ही यह मिल सके। हसन खेड़ा हो या मोहम्डन टोला, कठवारा या फिर कोलवा सभी गांव के लोग इसके लिए तैयार हैं। अब इस बात की सूचना भी वन विभाग को नहीं दी जाएगी। हम खुद ही बाघ से निपट लेंगे।

बाघ हमारा राष्ट्रीय पशु है। उसे मारने पर बैन है। बाघ की तलाश के लिए अभियान जारी है।

- एससी यादव

डीएफओ अवध