- शादियों में डीजे के शोर से परेशान होते हैं लखनवाइट्स

- कंट्रोल रूम में पहुंच रही है ढेरों शिकायतें

LUCKNOW: हजरतगंज में रहने वाले रिंकू सियाल ने रात क्क् बजे हजरतगंज कोतवाली फोन किया। उनकी शिकायत थी कि पड़ोस के एक वेडिंग लॉन में डीजे का शोर हो रहा है। इससे पहले बैंड भी देर तक बजता रहा। उनकी नींद हराम हो गई। इंस्पेक्टर साहब ने शिकायत सुन ली लेकिन मौके पर कोई नहीं पहुंचा। कंट्रोल नंबर पर भी फोन डायल किया लेकिन कोई फायदा नहीं। तेज शोर से यह प्राब्लम केवल रिंकू को ही नहीं मैरिज हॉल, कल्याण मंडप और वेडिंग लॉन के आसपास रहने वालों को हो रही है।

बढ़ जाती है बेचैनी

महानगर कल्याण मंडप के पास रहने वाले चौहान साहब की बेचैनी भी बैंड के तेज शोर से बढ़ने लगती है। वे घर के पिछले हिस्से में जाकर कमरे दरवाजा बंद कर लेते हैं। दवा की डोज लेते हैं.थोड़ा आराम मिलता है तो सोने की कोशिश करते हैं.लेकिन शोर है थमने का नाम नहीं लेता।

ओपेन बार बना लेते हैं

चौक चौराहा के सामने बैंड का शोर आरोही काम्प्लेक्स में रहने वालों की नींद हराम कर रहा है। लगातार फायरिंग की आवाज से नन्हें बच्चे चौंक कर जग रहे है। पढ़ाई भी डिस्टर्ब हो रही है। यह सिर्फ महानगर कल्याण मंडप के आसपास या चौक में रहने वालों की नहीं बल्कि शहर के तमाम इलाकों में रहने वालों की परेशानी है। कोर्ट का आदेश होने के बावजूद रात क्0 बजे के बाद तक बैंड बज रहे हैं और डीजे पर लोग थिरक रहे हैं। शादी में हिस्सा लेने वाले मोहल्ले और कालोनी को ओपेन बार में बदल देते हैं।

छिन रहा है चैन

मैरिज हॉल और कल्याण मंडप के आस-पास रहने वालों का चैन छिन चुका है। महानगर कल्याण मंडप में तो इस कदर डीजे का साउंड बज रहा था कि पूछिए मत आस-पास के लोगों का आपस में बात करना मुश्किल था। घरों में लोग दरवाजे-खिड़की बंद करके और वाल्यूम बढ़ाकर टीवी देख रहे थे।

बैंड वालों का तो बैंड बज जाएगा

हम लोगों का तो बैंड बजा हुआ है.अब लग रहा है रोजी-रोटी पर आफत आ जाएगी। ठंड में तो वैसे भी ज्यादातर एक ही शिफ्ट में काम होता है। दूसरी शिफ्ट पार्टी मजबूरी में ही बुक कराती है। कोर्ट के आदेश ने उनकी बेचैनी बढ़ा दी है। नाका चौराहे पर जय माता दी सोनी ब्रास बैंड के एक कर्मचारी कहते हैं रात क्0 बजे के बाद बैंड बजाने पर रोक है लेकिन कोई पार्टी आती है तो उसे कैसे लौटा दें? वैसे सर्दियों में ज्यादातर लोग फ‌र्स्ट बैंड को ही प्रायर्टी में रखते हैं। इसका रेट नौ से क्क् हजार रूपये तक है, जबकि दूसरी शिफ्ट हम लोग सस्ती बुक करते हैं। अब जहां, सौ बाराती इकट्ठा होंगे तो वहां पुलिस की भी कहां चलती है।

हम लोगों का कोई कुसूर नहीं

हरदोई रोड स्थित तहसीनगंज तिराहे पर ओम मिलन बैंड के फाउंडर किशन सिंह बताते हैं कि वैसे भी इस साल सहालग के गिने-चुने दिन हैं। फरवरी में तो पांच-छह सहालग ही हैं। इसके बाद कई महीनों तक सन्नाटा है। हम लोगों का कोई कुसूर नहीं है। जब बाराती ही रात क्0 बजे के बाद बारात निकालते हैं तो हमारी मजबूरी है बजाने की। यदि यह कानून सख्ती से लागू किया तो हमारे पेट पर लात ही पड़ेगी।

कंट्रोल रूम पर दर्ज होती हैं शिकायतें

कंट्रोल रूम पर बैठे कर्मचारियों ने बताया कि लाउडस्पीकर, डीजे, बैंड आदि की शिकायतें अक्सर आया करती हैं। इसकी जानकारी संबंधित थाने की पुलिस को दे दी जाती है।

कोर्ट के निर्देश हैं कि रात क्0 बजे के बाद बैंड-बाजा, लाउडस्पीकर आदि बजाने पर प्रतिबंध है। ऐसे मामलों पर जहां शिकायत मिलती है कार्रवाई की जाती है।

- एचपी शाही

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