-आजादी के बाद चीन आक्रमण के वक्त बनाये गए नागरिक सुरक्षा संगठन के 5000 वालेंटिर्स की फौज भी है शहर में

--War, आपदा या अन्य बड़ी घटना के वक्त पब्लिक की मदद को है ये special force

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VARANASI

युद्ध, हवाई हमले या फिर किसी आपदा के वक्त पब्लिक की सुरक्षा हर देश के लिए फ‌र्स्ट प्रायॉरिटी होती है पर कई बार ऐसे संकट में मैनपावर की कमी के कारण सरकार लाचार हो जाती है लेकिन अगर अपने शहर में ऐसे हालात पैदा हुए तो टेंशन लेने की जरूरत नहीं है। जी हां, क्योंकि यहां पब्लिक की मदद के लिए पांच हजार से अधिक वालेंटियर्स की एक ऐसी फोर्स भी है जो आफत की घड़ी में आपकी और हमारी मदद करेगी। यह फोर्स है नागरिक सुरक्षा संगठन। पब्लिक के लिए काम करने वाला एक ऐसा सरकारी संगठन जो युद्ध के दौरान या मुसीबत में पब्लिक के साथ खड़ा होता है। यानि पुलिस की स्ट्रेंथ से इतर स्वंयसेवी संगठन की यह एक्स्ट्रा और ट्रेंड टीम है।

युद्ध काल के लिए हुआ है गठन

चीन अटैक के बाद 1962 में वजूद में आये इस संगठन का गठन ही पब्लिक की सुरक्षा संग हर संभव मदद के लिए हुआ था। हालांकि बदलते वक्त के साथ इस संगठन का काम और वर्किग स्टाइल दोनों बदल गया लेकिन आज जब पाकिस्तान को लेकर भारत की टेंशन फिर बढ़ने लगी है तो एक बार फिर इस संगठन की जरूरत महसूस होने लगी है। बनारस में चेतगंज स्थित सेल्सटैक्स ऑफिस के पास फायर ब्रिगेड वाली बिल्डिंग में नागरिक सुरक्षा संगठन का ऑफिस है। यहां वॉलेंटियर्स को किसी भी आपात काल के दौरान लड़ने की ट्रेनिंग एक्सपर्ट टाइम टू टाइम देते रहते हैं।

मजबूत है संगठन

-नागरिक सुरक्षा संगठन के हेड डीएम होते हैं।

-एडीएम सिटी और चीफ वार्डेन पूरी टीम को हैंडल करते हैं।

-हर साल संगठन को मजबूत रखने के लिए सरकारी बजट आता है।

-जिसमें ऑफिस खर्च के साथ आपदा के वक्त इस्तेमाल किए जाने वाले संसाधनों की खरीद फरोख्त होती है।

-बनारस में नागरिक सुरक्षा संगठन के टोटल 8,314 वॉलेंटिर्स की जरूरत है।

-लेकिन स्ट्रेंथ 5,200 के आसपास है।

- इसमें चीफ वार्डेन, डिप्टी चीफ वार्डेन, डिवीजनल वार्डेन, डिप्टी डिवीजनल वार्डेन, पोस्ट वार्डेन, डिप्टी पोस्ट वार्डेन के अलावा सेक्टर वार्डेन के मुख्य पद होते हैं।

- इनके अंडर में अग्निशमन दल और प्राथमिक चिकित्सा दल के वालेंटियर्स की नियुक्ति होती है

अलग अलग हैं इनके काम

युद्ध काल में

- जीवन की रक्षा

- सम्पत्ति की हानि को कम करना

- उत्पादन की निरंतरता को बनाये रखना।

- जन मानस के मनोबल को बनाये रखना।

शांति काल में कार्य

- सफाई अभियान में मदद।

- पल्स पोलियो अभियान में सहायता करना।

- आगजनी के वक्त फायर कर्मियों की हेल्प करना।

- रक्तदान शिविरों का आयोजन करना।

- गम्भीर दुर्घटनाओं, घटनाओं, बाढ़, भूकंप, चक्रवात आदि में पब्लिक की मदद करना।

- शहर के बड़े आयोजन में प्रशासन संग मौजूद रहना।

आप भी कर सकते हैं joine

- नागरिक सुरक्षा संगठन जॉइन करने के लिए आयु 15 वर्ष होनी चाहिए।

- चौथी कक्षा पास होना जरूरी है।

- नागरिक सुरक्षा में स्त्री व पुरुष दोनों ही सदस्य हो सकते हैं।

-कोई भी ऐसा व्यक्ति नियुक्त नहीं किया जा सकता जो शारीरिक रूप से स्वस्थ व मानसिक रूप से चुस्त न हो।

-नेशनल वालेन्टियर फोर्स व केन्द्र की आ‌र्म्ड फोर्स में पूर्व की सेवा कोर में भर्ती के लिये विशेष अर्हता मानी जायेगी।

Experts देते हैं training

- सिविल डिफेंस संकट के दौरान नागरिक आबादी को सुरक्षा प्रदान करता है।

- इसके बदले संगठन के लोगों को कोई मानदेय नहीं मिलता।

- ये संगठन आपदा पीडि़तों को राहत पहुंचाने में मेन रोल अदा करता है।

- इसके लिए एनडीआरएफ, फायर ब्रिगेड व एक्सपर्ट वालेन्टियर्स को ट्रेनिंग देते हैं।

-इसके लिए संगठन के पास लाइफ जैकेट, फायर एक्सटिंग्वशर, पंप, हेलमेट, रस्सी और सीढ़ी जैसे संसाधन भी हैं।