-इस कारण से मरीज की जान पर बनी रहती है

-108 सेवा कर्मियों ने ऑफ द रिकॉर्ड दी जानकारी

MUSSOORIE : मसूरी का एकमात्र सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र(सिविल हॉस्पिटल) रात्रि में कोई डिलिवरी केस नहीं लेता है। खासतौर से जो निकटवर्ती जौनपुर विकासखंड के थत्यूड़, भवान, गरखेत, कैम्पटी या बंदरकोट क्षेत्र से क्08 आपातकालीन सेवा द्वारा लाया जाता है। इस कारण से मरीज की जान पर बनी रहती है। क्08 सेवा कर्मियों ने अपना नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि अगर वह रात्रि में कोई ऐसा मामला लेकर आते हैं, जिसमें महिला प्रसव पीड़ा से गुजर रही होती है, तो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र द्वारा उसको अस्पताल में लेने से मना कर दिया जाता है।

एंबुलेंस मे ही डिलिवरी करवानी पड़ी

इससे उनके सामने धर्म संकट पैदा हो जाता है कि मरीज को कहां ले जाएं। क्योंकि अस्पताल में रात्रि ड्यूटी पर तैनात कर्मी द्वारा कहा जाता है कि वह मरीज को अन्यत्र अथवा देहरादून ले जाएं, लेकिन प्रसव पीड़ा से गुजर रही महिला की जान पर बनी रहती है। कई बार तो इतना भी समय नहीं मिलता है कि वह उसको फ्भ् किमी दूर देहरादून ले जाएं। अनेकों बार तो क्08 एंबुलेंस मे ही डिलिवरी करवानी पड़ती है, जिससे महिला की जान का खतरा बना रहता है। क्योंकि क्08 में सारी चिकित्सकीय सुविधाएं नहीं होती हैं। क्08 कर्मियों का कहना है कि ऐसा अनेकों बार हो चुका है, लेकिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात चिकित्सक पर इसका कोई असर नहीं पड़ता है।

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कभी कोई सूचना नहीं मिली

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा प्रभारी डा। संदीप टंडन ने इस बाबत बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक गायनाकोलॉजिस्ट तथा निपुण सिस्टर तैनात हैं। क्08 एंबुलेंस कर्मियों ने इस बाबत उनको कभी कोई सूचना नहीं दी है। रात्रि में प्रसव पीड़ा से गुजर रही महिला को अस्पताल में भर्ती नहीं किया जाता है।