कानपुर। देश के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर हाल ही में कथित याैन शोषण के आरोप लगे हैं। खबरों के मुताबिक आरोप सुप्रीम कोर्ट में जूनियर सहायक के तौर पर कार्यरत एक महिला ने लगाए हैं। ऐसे में आरोपों से संबधित मामले की तत्काल सुनवाई हुई। अदालत के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि ये आरोप पूरी तरह से झूठे है। जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली तीन-सदस्यीय पीठ ने भी आज मीडिया से कहा कि वह संयम,जिम्मेदारी व समझदारी बरते। बेबुनियाद आरोपों के बीच न्यायपालिका की छवि का ख्याल रखें।

यौन शोषण के आरोप पर cji रंजन गोगोई बोले,ज्यूडिशरी की अाजादी को खतरा

बिना किसी भय के अपने कर्तव्यों का निर्वहन करूंगा

वहीं न्यूज एजेंसी एएनआई के एक ट्वीट के मुताबिक भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने अपने पर लगे सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने इमोशनल होते हुए कहा कि न्यायपालिका की आजादी खतरे में है। उसे अस्थिर करने के लिए एक बड़ी साजिश रची गई है। यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने वाली महिला के पीछे कुछ बड़ी ताकते हैं। न्यायपालिका को बलि का बकरा नहीं बनाया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि मैं इस पीठ पर बैठूंगा और अपने कार्यकाल पूरा होने तक बिना किसी भय के अपने कर्तव्यों का निर्वहन करूंगा।  

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रंजन गोगोई बने देश 46वें चीफ जस्टिस, 24 की उम्र में शुरू किया था कानून का सफरमामले की सुनवाई के लिए एक स्पेशल बेंच का गठन 

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि इन आरोपों का खंडन करने के लिए मुझे इतना नीचे उतरना चाहिए। हाल ही में महिला ने सुप्रीम कोर्ट के सभी जजों को रंजन गोगोई पर आरोप लगाने वाला पत्र भेजा था। वहीं देखते ही देखते ये खबरें में मीडिया से लेकर सोशल मीडिया में चर्चा में आ गईं। ऐसे में इस मामले की सुनवाई के लिए एक स्पेशल बेंच का गठन हुअा। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने आज बीते साल अक्टूबर में देश के 46वें सीजेआई के रूप में शपथ ली थी। 63 वर्षीय जस्टिस रंजन गोगोई 17 नवंबर, 2019 को सेवानिवृत्त होंगे।

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