कहीं स्वच्छता सर्वेक्षण में भी फेल न हो जाए नगर निगम

अगले महीने शहर आएगी सर्वेक्षण टीम, नहीं है कोई तैयारी

पिछले वर्ष स्वच्छता सर्वेक्षण में 339 रैंक मिली थी।

<कहीं स्वच्छता सर्वेक्षण में भी फेल न हो जाए नगर निगम

अगले महीने शहर आएगी सर्वेक्षण टीम, नहीं है कोई तैयारी

पिछले वर्ष स्वच्छता सर्वेक्षण में फ्फ्9 रैंक मिली थी।

Meerut.Meerut। स्मार्ट सिटी योजना में पिछड़ने के बाद भी निगम के अधिकारियों की कार्यशैली में कोई सुधार नहीं आया है। अब अगले महीने स्वच्छता सर्वेक्षण होना है। जिसमें मेरठ शहर की रैकिंग में सुधार के लिए कई दिनों से कवायद चल रही है। बावजूद इसके, बिना किसी ठोस पहल के निगम के अधिकारी स्वच्छता सर्वेक्षण में बेहतर रैंक पाने का दावा कर रहे हैं। जबकि हकीकत बिल्कुल जुदा है।

डाउनलोड में हीलाहवाली

स्वच्छता सर्वेक्षण के मुताबिक फ्म् हजार स्वच्छता ऐप डाउनलोड कराने का लक्ष्य है। इन दिनों निगम की टीम सिर्फ स्वच्छता ऐप डाउनलोड कराने में जुटी है। सर्वेक्षण ऐप डाउनलोड कराने के भी नंबर जुड़ेंगे। लेकिन लाख कोशिशों के बावजूद भी निगम के अधिकारी अभी तक तकरीबन ब्000 ऐप ही डाउनलोड करा सके हैं। ऐसे में लक्ष्य हासिल करना काफी मुश्किल हो रहा है।

जागरूकता कार्यक्रम नहीं

वैसे, स्वच्छता सर्वेक्षण के तहत जागरूकता के लिए निगम की टीम को स्कूलों में जाकर कार्यक्रम कराने हैं, साथ ही प्रतियोगिताएं और गोष्ठी भी करानी हैं, लेकिन अभी तक टीम मुश्किल से एक दर्जन स्कूल में ही पहुंच सकी है। ऐसे में यहां भी निगम की टीम की हीलाहवाली सामने आ रही है।

क्या फायदा

स्वच्छता सर्वेक्षण के तहत नगर निगम ने शहरवासियों में जागरूकता फैलाने के लिए कुछ नामचीन शख्सियतों को ब्रांड एंबेस्डर भी नियुक्त किए थे। ताकि आम जनमानस स्वच्छता के प्रति जागरूक हो सके। डॉ। विश्वजीत बैंबी, नीता गुप्ता, अलका तोमर, सना खान आदि को ब्रांड एंबेस्डर नियुक्त किया गया है। इनका भी खास असर नहीं दिखाई दे रहा है।

नहीं लग डस्टबिन

नगर निगम ने शहर में स्वच्छता सर्वेक्षण के तहत डस्टबिन तो लगवा दिए। लेकिन वह भी अधूरे हैं। शहर में महज क्भ्0 डस्टबिन लगवाकर अधिकारी रैंकिंग में सुधार का दावा कर रहे हैं।

स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए निगम की कोई तैयार नहीं लग रही है। जैसा शहर पहले था वैसे ही अब है। ऐसे में शहर की रैंक का कैसे सुधार होगा।

शुभम त्यागी

कोई सा सर्वे हो निगम को इसकी कोई चिंता नहीं है। निगम को वही करना है जो उन्होंने सोच रखा है। निगम सर्वेक्षण के लिए कोई तैयारी नहीं कर रहा है।

अर्चना गुप्ता

कम से कम निगम को इस समय तो शहर का स्वच्छ बनाने के लिए काम कर लेना चाहिए। शहर की स्वच्छता रैंकिंग में सुधार होगा तो मेरठ का नाम देश भर में लिया जाएगा।

सुशील कुमार

नगर निगम को जब पहले से पता है तो शहर को साफ रखने के लिए कुछ तो काम करना चाहिए था। लेकिन अभी तक कोई तैयारी निगम ने शुरू नहंी की है।

गुलाब

स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए जो तैयारी होनी चाहिए। उनको अंतिम रूप दिया जा रहा है। स्वच्छता में पहले के मुकाबले काफी बदलाव आया है। इस बार निश्चित की शहर की रैंक में सुधार होगा।

मनोज कुमार त्रिपाठी, नोडल अधिकारी, स्वच्छता सर्वेक्षण