-मारपीट के बाद बुलाई गई कई थानों की फोर्स

-फोर्स तैनाती के बाद हुआ कन्वोकेशन, तनाव

ALLAHABAD: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के यूनियन हॉल पर मंगलवार को बवाल हो गया। आइसा के फेलोशिप कट पर आयोजित कन्वोकेशन से नाराज एबीवीपी के कार्यकर्ता बीच में घुस आए और दोनों पक्षों में जमकर मारपीट हुई। सारा घटनाक्रम छात्रसंघ अध्यक्ष ऋचा सिंह व एबीवीपी के पैनल से जीते पदाधिकारियों के सामने हुआ। बवाल बढ़ने पर पुलिस बुला ली गई। इसके बाद मामला शांत हुआ और कन्वोकेशन शुरू हुआ।

एबीवीपी ने लगाया था ताला

सारा विवाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ से छात्रसंघ का उद्घाटन कराने का प्रस्ताव बनाने के बाद शुरू हुआ है। छात्रसंघ अध्यक्ष समेत कई छात्र संगठनों ने इसका विरोध किया तो एबीवीपी ने भी मोर्चा संभाल लिया। आदित्यनाथ का विरोध करने वालों को सबक सिखाने के लिए मंगलवार को यूनियन हॉल पर एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने ताला जड़ दिया। अल्टीमेटम दिया कि आदित्यनाथ का विरोध करने वालों को भी कोई कार्यक्रम नहीं करने दिया जाएगा। एबीवीपी ने कर्मचारी सतपाल से चाभी छीनकर यूनियन हॉल पर ताला जड़ दिया। ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (आइसा) ने पहले ही प्रोग्राम डिक्लेयर कर रखा था। इस बात को लेकर तनातनी हो गई। आइसा कार्यकर्ता पहुंचे और प्रॉक्टर को बुलवाया। इस दौरान आइसा का प्रोग्राम जैसे ही शुरू होने की सूचना मिली, एबीवीपी के पदाधिकारी पांच दर्जन से अधिक समर्थकों के साथ मौके पर पहुंच गए। यूनियन हॉल के अंदर घुसकर एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने प्रोग्राम को रुकवाने को कहा। कुर्सियों पर बैठे आइसा कार्यकर्ताओं को खींचकर बाहर निकाला गया और दरवाजा बंद कर दिया गया। ऋचा सिंह उस वक्त वहां मौजूद थीं। आरोप है कि मारपीट में अंतस सर्वानंद तथा सुभाष कुशवाहा को चोटें आई हैं। इसके बाद खबर सीओ कर्नलगंज वीरेंद्र कुमार को दी गई। सीओ कई थानों की फोर्स के साथ स्पॉट पर पहुंच गए। यूनियन हॉल पर फोर्स लगाए जाने के बाद एबीवीपी कार्यकर्ता वहां से हटे और कन्वोकेशन फिर से शुरू हुआ।

एबीवीपी फैसले पर अडिग

एबीवीपी 20 नवंबर को छात्रसंघ का उद्घाटन भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ से करवाने के फैसले पर अडिग है। इसी सिलसिले में मंगलवार को वीसी ऑफिस में मीटिंग बुलाई गई। इसमें अध्यक्ष के अलावा बाकी के पदाधिकारी शामिल हुए। एबीवीपी के पैनल से जीते पदाधिकारियों ने साफ किया कि अब इस फैसले में कोई बदलाव नहीं होगा। छात्रसंघ अध्यक्ष ऋचा सिंह पर एक ही विचारधारा के लोगों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया। कहा कि मंगलवार को एक ही विचारधारा के लोगों को बुलाया गया और छात्रसंघ के बाकी के चार पदाधिकारियों को इसकी सूचना तक नहीं दी गई।

छात्र संगठनों में दो फाड़

छात्र संगठनों में योगी आदित्यनाथ के प्रोग्राम को लेकर दो फाड़ हो गया है। प्रतियोगी छात्र मोर्चा ने इस कार्यक्रम को सपोर्ट करने का ऐलान किया है। कहा कि जो भी संगठन इस प्रोग्राम का विरोध करेगा, उसके प्रोग्राम्स को भी नहीं होने दिया जाएगा। स्वराज अभियान ने आदित्यनाथ के कार्यक्रम का विरोध का ऐलान किया है। यूथ कांग्रेस भी इस प्रोग्राम के खिलाफ है।

फोर्स लगने पर हुआ कन्वोकेशन

कन्वोकेशन में जेएनयू छात्रसंघ की उपाध्यक्ष शेहला रशीद ने कहा कि फेलोशिप को खत्म करने का फैसला ऐसे समय आया है जब कि दिसंबर में डब्ल्यूटीओ की बैठक में उच्च शिक्षा को व्यापार वाली सेवा के रूप में बदलने की तैयारी की गई है। सेंट्रल की बीजेपी सरकार इसके लिए तैयार है। हिंदी विभाग के प्रोफेसर व आटा के सह सचिव सूर्य नारायण सिंह ने कहा कि स्टूडेंट्स के संघर्ष में वे उनके साथ हैं तथा सरकार के खिलाफ संघर्ष को आगे बढ़ाएंगे। कानपुर यूनिवर्सिटी के प्रो। वीएन पाल ने कहा कि छात्रों को एकजुट होकर विरोध करना होगा। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की अध्यक्ष ऋचा सिंह ने कहा कि सभी को आगे बढ़कर आंदोलन करना होगा। प्रोग्राम में सुनील मौर्य, पूर्व उपाध्यक्ष शालू यादव, अंकुश दुबे, विकास, रमाशंकर आदि ने विचार रखे।