आगरा। सत्ताधारी विधायक ने राज्यपाल को पत्र भेजकर नगर आयुक्त से टकरार को गरम कर दिया है। विधायक का कहना है कि नगर आयुक्त 27 प्रतिशत कमीशन बंद करें या उनका तबादला कर दिया जाए। उन्होंने अपनी पार्टी के बलबूते मोर्चा खोला है और कार्रवाई पर तने हुए हैं।

कोई सुनवाई नहीं हुई।

विधायक जगन प्रसाद गर्ग ने नगर आयुक्त अरुण प्रकाश पर कार्यो पर 27 प्रतिशत कमीशन का आरोप लगाया है। इस कमीशन में नगर निगम के अधिकारियों की हिस्सेदारी की लिस्ट भी तैयार की है। उन्होंने आरोप पत्र के साथ ये लिस्ट भी राज्यपाल, मुख्यमंत्री और नगरीय निकाय मंत्री को भेजी है। उन्होंने बताया कि नगर निगम में वर्ष 2010 से कमीशन का खेल फलफूल रहा है। पहले 15 प्रतिशत था, जो अब 27 प्रतिशत हो गया है। विधायक रहते हुए सपा सरकार में शिकायत की। उस दौरान कोई सुनवाई नहीं हुई।

स्थिति को स्पष्ट करने में जुटे

उन्होंने कहा कि अब हमारी सरकार है। पहले नगर आयुक्त को स्वयं ही कमीशन बंद करने की हिदायत दी गई। उन्होंने बंद नहीं किया, तो अब राज्यपाल तक शिकायत की है। नगर आयुक्त को कमीशन बंद करना होगा या तबादला ले लें। ये मामला अब प्रदेश स्तर तक पहुंच गया है। इससे मामला गरमा चुका है। इस मामले को लेकर नगर आयुक्त भी अपने उच्चअधिकारियों को इस संबंध में जानकारी देकर स्थिति को स्पष्ट करने में जुटे हुए हैं।

कर्मियों को हटाने पर नाराज?

नगर निगम ने सभी वीआईपी के घरों से सफाईकर्मियों को हटा लिया है। सबसे अधिक 25 कर्मी विधायक के यहां लगे हुए थे। उन्हें भी हटाया गया है। ये विधायक के होटल समेत अन्य कार्यो में लगे हुए थे। इससे नाराज होकर विधायक ने मोर्चा खोल दिया है? विधायक जगन प्रसाद गर्ग का कहना है कि अभी तक नहीं सुनी गई। लेकिन अब भाजपा सरकार में सुनी जाएगी। मैंने राज्यपाल को भी शिकायत की है। ये होटल नहीं धर्मशाला है। इसकी शिकायत करें। कार्रवाई कराएं।