-गोली लगने से एक युवक घायल, गांव में फैली दहशत

- मौजूदा प्रधान और पूर्व प्रधान के बीच हो गया था विवाद

फीरोजाबाद। शपथ लेने जाते समय निर्वाचित प्रधान और पूर्व प्रधान के बीच विवाद हो गया। मारपीट के बाद पथराव और अंधाधुंध फाय¨रग हो गई। घटना से गांव में दहशत फैल गई। पुलिस ने मौके पर पहुंच स्थिति को संभाल लिया है। फाय¨रग में एक युवक घायल हुआ है, जिसे उपचार मुहैया कराया है।

जसराना थाना क्षेत्र अंतर्गत मुस्तफाबाद में हुए ग्राम प्रधानी के चुनाव में दूसरी बार लगातार मनोज यादव विजयी हुए। रविवार को ब्लॉक कार्यालय पर निर्वाचित प्रधानों को शपथ दिलाई जानी थी। सुबह करीब नौ बजे मनोज यादव समर्थकों के साथ शपथ लेने रवाना हुए। उनके साथ बड़ी संख्या में समर्थक भी थे, जो शोर शराबा करते हुए आगे बढ़ रहे थे। समर्थक जैसे ही पूर्व प्रधान चंद्रप्रकाश के घर के सामने पहुंचे कि समर्थक हंगामा करने लगे। जोर-जोर से नारेबाजी करने लगे। यहां पूर्व प्रधान और विजयी प्रत्याशी के समर्थकों के बीच विवाद हो गया। थोड़ी देर में पथराव और अंधाधुंध फाय¨रग शुरू हो गई। गोलियां चलते ही गांव में दहशत फैल गई। इसी दौरान खेतों से लौट रहे धर्मेंद्र पुत्र साधू सिंह को गोली लगी और वह घायल हो गया। ऐसे ही एक भैंस के गोली लगी है। फाय¨रग की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंच गई और उपद्रवियों को खदेड़ दिया। उसके बाद घायल धर्मेंद्र को उपचार के लिए भेजा है। प्रधान मनोज यादव का कहना है कि वह अपने साथी धर्मेंद्र के साथ खेतों से लौट रहे थे कि चंद्रप्रकाश ने समर्थकों के साथ मारपीट और फाय¨रग कर दी, जिसमें धर्मेंद्र गोली लगने से घायल हो गया। वहीं पूर्व प्रधान चंद्रप्रकाश का कहना है कि मेरे समर्थक राजन की हलवाई की दुकान है। मौजूदा प्रधान का समर्थक अमन पुत्र जगदीश, विकास आदि साथियों के साथ दुकान पर आया और हलवाई की मारपीट कर दी। दुकान पर पथराव करते हुए लूटपाट कर ली। एसओ अजय कुमार ने बताया अमन के हलवाई राजन पर चार हजार रुपये उधार थे। सुबह अमन दुकान पर पहुंचा और रुपये मांगने लगा। असमर्थता पर अमनके साथी विकास ने हलवाई की मारपीट कर दी। इसी को लेकर विवाद बढ़ गया और दोनों पक्षों में फाय¨रग और पथराव हो गया। एक युवक घायल हुआ है, जिसका मेडिकल कराया है। तहरीर मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।

पूर्व में भी हो चुका है विवाद

पूर्व प्रधान और मौजूदा प्रधान में चुनाव से पूर्व भी कई बार वाद-विवाद और फाय¨रग हो चुकी है। बताते हैं मनोज से पहले प्रधानी के पद पर चंद्रप्रकाश विजयी हुए थे। चुनावी प्रतिद्वंद्विता के कारण दोनों में कई बार संघर्ष होता आया है।