- प्रदेश में जल परिवहन की तैयारियां शुरू

- जल परिवहन को बढ़ावा देने के लिए बनी कमेटी

- आरटीओ विभाग के साथ मिल कर काम करेगा जल परिवहन विभाग

sanjeev.pandey@inext.co.in

LUCKNOW: यदि आप जल परिवहन सेवा में शामिल मोटर बोट चलाकर उससे जीविको पार्जन करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको लाइसेंस लेना होगा। कक्षा आठ पास व्यक्ति लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकेगा। इसके साथ ही उसे स्वीमिंग और लाइफ सेविंग भी आती हो। राजधानी में जल परिवहन सेवा शुरू करने की तैयारी तेजी से की जा रही है। परिवहन विभाग को जल परिवहन सेवा को बढ़ावा देने की जिम्मेदारी दी गई है। इसके लिए परिवहन विभाग ने एक महिला एटीसी को इसकी कमान सौंप दी है। वह इंडियन वॉटर वेज के अधिकारियों के साथ मिल कर प्रोजेक्ट तो तैयार कर रही हैं।

तीन सदस्यी टीम गठित

प्रोजेक्ट के लिए तीन सदस्यीय टीम गठित की जा रही है। इस टीम में एडीशनल टीसी रोड सेफ्टी गंगाफल, एडीशनल टीसी अरविंद कुमार पांडेय और प्रोजेक्ट की इंचार्ज एटीसी ममता शर्मा शामिल हैं। यह कमेटी एडीशनल टीसी प्रशासन आशुतोष मोहन अग्निहोत्री के दिशा निर्देशन में जल परिवहन का काम देखेगी। फिलहाल जल परिवहन के लिए जरूरी गाइड लाइन तैयार की जा रही है। विभागीय अधिकारियों की मानें तो सबसे पहले प्रयागराज में प्रोजेक्ट की शुरुआत होनी है। जल परिवहन विभाग का मुख्यालय फिलहाल परिवहन विभाग का मुख्यालय ही होगा। इसके अलावा अन्य संबंधी काम प्रदेश में खुले आरटीओ ऑफिस से ही सम्पन्न कराए जाएंगे।

प्रोजेक्ट का कुंभ में होना है प्रदर्शन

विभागीय अधिकारियों के अनुसार प्रयागराज में होने वाले कुंभ में प्रोजेक्ट का प्रदर्शन किया जाना है। इसके लिए जल परिवहन से जुड़ी नाव और बोट बनाने वाली कंपनियां संपर्क कर रही हैं। उनके मॉडल कुंभ के दौरान प्रदर्शित किए जाएंगे। वहां यह यात्रियों को ढोने का काम करेंगे। अब तक इसमें कई गाइड लाइन तैयार की गई, लेकिन उस पर अभी अंतिम मुहर नहीं लगी है.

कोट

जल परिवहन की व्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए विभाग के एक अधिकारी को इसकी जिम्मेदारी दे दी गई है। अब वह कमेटी बनाकर इसकी गाइड लाइन तैयार कर रही हैं।

पी गुरु प्रसाद

परिवहन आयुक्त

उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग

यह है गाइड लाइन

- शहर के किसी भी पार्क और नदी में चलने वाली एक-एक नाव और बोट का पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा।

- किस तरह की नाव पर कितने लोग बैठ सकेंगे, इसकी संख्या निर्धारित की जाएगी।

- मूर्ति विसर्जन के दौरान भी इसका पालन करना अनिवार्य होगा। इससे मूर्ति विसर्जन के दौरान होने वाले हादसों पर लगाम लगाई जा सकेगी। ओवर लोडिंग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

- वाहनों के नंबर की तरह ही उनके

नंबर दिए जाएंगे।

- इनको चलाने वाले चालकों को भी लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा।

- लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले को आठवीं पास होना चाहिए। साथ ही वह लाइफ सेवर का कोर्स भी किये हो।

- जितनी दूर में जल परिवहन सेवा संचालित की जाएगी, उनके बीच में जगह-जगह पर लाइफ सेवर भी तैनात किए जाएंगे।

- प्रवर्तन के लिए जल पुलिस और परिवहन विभाग के अधिकारियों को तैनात किया जाएगा।

- सभी जल परिवहन सेवा के लिए निर्धारित दूरी पर एक जल एंबुलेंस तैनात की जाएगी।

- जल परिवहन सेवा की शुरुआत अनुबंध के आधार पर होगी। ऐसे में इस फील्ड से जुड़े लोग अपनी बोट और नावों का संचालन के लिए परिवहन विभाग से संपर्क करेंगे। उसके बाद उन्हें संबंधित रूट के परमिट दिए जाएंगे।

- अलग-अलग नदियों में चलने वाली बोट और नावों का कलर भी अलग होगा, जिससे जो बोट जहां चल रही है, उनका संचालन वहीं हो। वह कही अन्य अतिक्रमण कर संचालित ना की जाए।

बाक्स

तीन मीटर गहरे पानी में हो सकेगा जल परिवहन

विभागीय अधिकारियों के अनुसार जल परिवहन के लिए चलने वाली नावों और मोटरबोट के लिए बहुत अधिक गहरे पानी की जरूरत नहीं है। तीन मीटर गहरे पानी में भी इनका संचालन आसानी से किया जा सकता है। ऐसे में भविष्य में गोमती में भी जल परिवहन के दरवाजे खुल जाएंगे।

कोट

वॉटर वेज के साथ ही नेवीगेशन डिपार्टमेंट के अधिकारियों के साथ एक बैठक गुरुवार को होनी थी, लेकिन अब यह बैठक शुक्रवार को होगी

ममता शर्मा

एटीसी उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग

इंचार्ज, जल परिवहन प्राेजेक्ट

यह मिलेगा फायदा

जल परिवहन सेवा शुरू होने से रोड पर वाहनों की भीड़ कम होगी। जाम से राहत मिलेगी। लोगों को भी सफर में आसानी होगी। सबसे बड़ा फायदा वाहनों की संख्या कम होने से पर्यावरण प्रदूषण भी घटेगा।