-सीएलसी को नगर निगम कर्मचारियों का नहीं दे पा रहा डाटा, जबकि हर माह भुगतान

-निगम के पास हो चुकी है शिकायत-काम नहीं करते फिर भी होता है भुगतान

-शहर की सफाई व्यवस्था खराब होने पर नप चुके हैं पिछले नगर आयुक्त

GORAKHPUR: नगर निगम में सफाई कार्य में तैनात 622 कर्मचारियों का डाटा नहीं मिल रहा है. जबकि, कागजों पर इनका भुगतान नियमित हो रहा है. ये खुलासा शहरी आजीविका केंद्र (सीएलसी) द्वारा डाटा मांगने पर हुआ है. वहीं, नगर निगम सीएलसी को यह आश्वासन देने में लगा है कि अप्रैल तक डाटा मुहैया करा दिया जाएगा, जबकि डाटा देने की अवधि 31 मार्च को ही खत्म हो चुकी है. उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, इसमें बड़े पैमाने पर गबन का अंदेशा है, जिसकी अंदरखाने जांच चल रही है.

सीएलसी को मिली थी भुगतान की जिम्मेदारी

डीएम के विजयेंद्र पांडियन ने 20 मई 2016 के मुख्य सचिव के आदेश का हवाला देते हुए निगम के सभी आउटसोर्सिग कर्मचारियों को डूडा के शहरी आजीविका केंद्र से जोड़ने को कहा था. 70 वार्डो के सफाई की जिम्मेदारी संभालने वाली दोनों कंपनियों के स्थान पर सीएलसी को कर्मचारियों के मानदेय भुगतान की जिम्मेदारी सौंप दी गई थी. साथ ही सुनिश्चित किया गया कि सभी सरकारी विभागों के आउटसोर्सिग कर्मचारियों की सेवाएं शहरी आजीविका केंद्र के माध्यम से ही ली जाएगी. जिस पर अमल करते हुए नगर निगम के 2154 सफाई कर्मचारियों का रजिस्ट्रेशन सीएलसी कर चुकी है. इनमें से आधे कर्मचारियों को जनवरी महीने का भुगतान भी किया जा चुका है.

एक महीने में ही छीन िलया ठेका

नगर निगम ने दोनों सफाई कंपनियों से वार्डो की सफाई का ठेका लेने के बाद कुछ वार्डो का ठेका प्राइवेट फर्मो को दे दिया था. पांच जनवरी 2019 को निगम ने ठेका सौंपने के बाद नगर आयुक्त के आदेश से चार फरवरी 2019 को ठेका वापस ले लिया. नगर निगम ने गोपालापुर, रुस्तमपुर, तिवारीपुर, चारगांवा, लच्छीपुर, जंगल नकहा व सिविल लाइंस प्रथम की सफाई व्यवस्था सात फर्मो को सौंपी थी. मेसर्स अनिल सिंह, मेसर्स गुलाब चंद सिन्हा, मेसर्स सुनील कुमार सिंह, मेसर्स आरके ट्रेडर्स, मेसर्स मां शीतला इंटरप्राइजेज, मेसर्स बसंत शुक्ला व मेसर्स धनपत्ती देवी सेवा संस्थान को वार्डो की सफाई सौंपने के बाद वापस ले लिया गया है. हालांकि गैंग सफाई के लिए इन फर्मो की सेवाएं अभी भी ली जा रही हैं.

13 फर्मो के पास सफाई गैंग

शहर में वार्डो की सफाई करने वाले कर्मचारियों के अलावा रात्रि सफाई, इमरजेंसी व नाला गैंग के लिए कर्मचारियों की आपूर्ति 13 फर्मो को सौंपी गई है. इन फर्मो को जीडीए कॉलोनियों सहित सफाई व्यवस्था के लिए 622 कर्मचारियों की आपूर्ति करनी है. सीएलसी से जुड़ने के लिए सुपरवाइजर्स को सफाई कर्मचारियों की पूरी डिटेल के साथ ही उनका अकाउंट नंबर भी जमा करना है. जो अभी तक सीएलसी के जिम्मेदारों को नहीं मिले हैं.

वर्जन

2154 सफाई कर्मचारियों का रजिस्ट्रेशन सीएलसी में हो चुका है. ज्यादातर का भुगतान भी हो चुका है. लेकिन सफाई गैंग वाले कर्मचारियों का डाटा सीएलसी को नहीं मिल सका है.

- तेज कुमार, पीओ, डूडा

सफाई कर्मचारियों का डाटा सीएलसी को सौंप दिया गया है. जिन कर्मचारियों का नहीं पहुंच सका है, जल्द भिजवा दिया जाएगा.

- डॉ. अतुल कुमार, मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी