देना होगा खर्च का हिसाब

काशी विद्यापीठ में स्टूडेंट यूनियन इलेक्शन के लिए मंगलवार को नॉमिनेशन हो गया। अन्य यूनिवर्सिटीज व कॉलेजे में भी जल्द ही इलेक्शन का बिगुल बज जाएगा। इलेक्शन में हर कैंडिडेट को पांच हजार रुपये से अधिक खर्च करने पर बैन है। नॉमिनेशन के बाद कैंडिडेट्स को खर्च का हिसाब देना होगा। उस समय कोई प्रॉब्लम न हो, इससे बचने के लिए स्टूडेंट लीडर्स अपने बैनर-पोस्टर समेटने में लग गए हैं, लेकिन यह काम दिन के बजाए रात में हो रहा है। स्टूडेंट लीडर्स खुद अपने सपोट्र्स के साथ बैनर-पोस्टर समेट रहे हैं।

पाट दिया था पूरा शहर

बता दें कि स्टूडेंट लीडर्स ने नया सेशन शुरू होते ही स्टूडेंट यूनियन इलेक्शन लडऩे की मंशा जतानी शुरू कर दी थी। पूरी सिटी को अपने बैनर-पोस्टर से पाट दिया था। एडवरटाइजिंग एजेंसी की साइट्स, बिजली-टेलीफोन के खम्भे, घरों की दीवार समेत हर जगह अपनी छाप छोड़ दी। हर कैंडिडेट कम से एक से डेढ़ लाख रुपये खर्च कर चुका है। इलेक्शन के नजदीक आते ही यूनिवर्सिटीज और कॉलेजेज अपनी तरफ से भी स्टूडेंट लीडर्स के खर्च पर नजर रखे हुए हैं। जहां खर्च की सीमा पांच हजार हो वहां इतना खर्च नजर आएगा तो निश्चित ही इलेक्शन लडऩे वाले कैंडिडेट्स के मंसूबों पर पानी फिर जाएगा।

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बैनर-पोस्टर हटने से शहर की सूरत अच्छी लग रही है। साथ ही सिटी के एरियाज की पहचान भी बनी हुई है। नहीं तो बैनर-पोस्टर से पूरा शहर एक जैसा ही नजर आ रहा था।

नवीन मिश्रा, भेलूपुर

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सिटी में जगह-जगह लगे बैनर-पोस्टर के हटने से राहत हो रही है। उनको देखकर लगता था जैसे हम ऐसे शहर में हैं जहां सिर्फ पॉलिटिक्स ही होती है।

मनोज यादव, पाण्डेयपुर