- दोनों शहरों में आसान नहीं होगा गंगा में सीवर प्रवाह कर पाना

>DEHRADUN: गंगा में अब किसी भी कीमत पर सीवर का पानी नहीं बहाया जाएगा। गंगा की निर्मलता बरकरार रखने के लिए थर्सडे को हरिद्वार व ऋषिकेश शहरों को सीवर लाइन से शत-प्रतिशत आच्छादित करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा केंद्र सरकार की मध्यस्थता में जर्मन डेवलपमेंट बैंक के साथ 150 मिलियन यूरो (1200 करोड़) की लागत की परियोजना के लिए लोन अनुबंध साइन हुए। इस बारे में केंद्रीय वित्त मंत्रालय के स्तर पर हस्ताक्षरित किए गए। लोन अनुबंध मं प्रदेश सरकार की ओर से पेयजल सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी ने हस्ताक्षर किए। पेयजल मंत्री के मीडिया प्रभारी मनोज अनुरागी के अनुसार इस लोन अनुबंध के तहत 150 मिलियन यूरो ( 1200 करोड़) में से 120 मिलियन यूरो करीब 960 करोड़ रुपए लोन का अंश होगा और 30 मिलियन यूरो करीब 240 करोड़ रुपए राज्य सरकार को स्टेट काउंटर पार्ट फंडिंग के रूप में वहन करना होगा। जबकि लोन अंश का 90 प्रतिशत केंद्र सरकर द्वारा और 10 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा वापस किया जाएगा।

::बॉक्स::

::हरिद्वार:::

छह वर्षीय कार्यक्रम के तहत हरिद्वार व उसे सटे हुए क्षेत्रों हरिपुरकलां, जगजीतपुर, सीतापुर व सराय में 181.50 किमी् वर नेटवर्क बिछाया जायेगा। जबकि 14 सीवेज पंपिंग स्टेशन बनाये जायेंगे।

::ऋषिकेश:::

ऋषिकेश सिटी और उससे सटे हुए क्षेत्रों प्रगति विहार, शैल विहार, इंदिरा नगर, मीरा नगर, खड़कमाफ, शिवजी नगर, वीरपुर खुर्द, बापूग्राम, आमबाग व निर्मलबाग में 180 किमी सीवर नेटवर्क तैयार होगा। इसके अलावा दो सीवेज पंपिंग स्टेशन सहित 2 एमएलडी क्षमता का सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जायेगा।

::प्वाइंटर्स:::

- हरिद्वार व ऋषिकेश दो प्रमुख नगरों में गंगा नदी और नालों में सीवर पर पूरा प्रतिबंध होगा।

- सभी उत्पादित सीवर को सीवर ट्रीटमेंट प्लांट में परिषोधित करने के बाद ही उसे नदी में छोड़ा जाएगा।

- सीवर नेटवर्क का कार्य पूर्ण होने के बाद उसके 15 वषरें तक उचित रखरखाव के लिए आवश्यक धनराशि केंद्र सरकार द्वारा नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत दिए जाएगा।

- राज्य के पेयजल मंत्री प्रकाश पंत ने इसको बड़ी उपलब्धि बताया।

- कहा, इस लोन से राज्य में घरेलू सीवर का नालों में और सीधे गंगा के अलावा सहायक नदियों में सीवर प्रवाह रुक पाएगा।