- 653 निकाय प्रदेश में

- 12007 वार्ड प्रदेश में

- केंद्र स्तरीय स्वच्छता सर्वेक्षण की गाइडलाइंस पर होगी परीक्षा

-15 नवंबर से 15 दिसंबर तक होगी दो हजार अंकों की परीक्षा

LUCKNOW: केंद्र स्तर पर होने वाले स्वच्छता सर्वेक्षण में प्रदेश के शहर बेहतर रैंकिंग हासिल कर सकें, इसके लिए अब प्रदेशस्तरीय 'स्वच्छ वार्ड प्रतिस्पर्धा योजना' की जंग शुरू होने जा रही है। स्वच्छता की परीक्षा 15 नवंबर से 15 दिसंबर तक चलेगी। यह परीक्षा दो हजार अंकों की होगी और इसमें बेहतर प्रदर्शन करने वालों को सम्मानित किया जाएगा। इसके लिए 23 दिसंबर को सम्मान समारोह का आयोजन होगा। यह जानकारी नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना ने मंगलवार को स्थानीय निकाय निदेशालय में प्रेस वार्ता करते हुए दी। इस मौके पर उन्होंने स्वच्छ वार्ड प्रतिस्पर्धा 2018 के लिए मार्गदर्शक पुस्तिका का भी विमोचन किया।

यह रहेगा स्कोर कार्ड

बिंदु अंक

ठोस कचरे से प्रबंधन की स्थिति 200

स्वच्छता क्षेत्र में आधारभूत संरचना की उपलब्धता 200

टॉयलेट की स्थिति 200

वार्डो में हरियाली और सौंदर्यीकरण 200

स्वच्छ वातावरण प्रोत्साहन समिति की भागीदारी 200

कूड़ा का पृथक्कीकरण, संग्रह और परिवहन 360

स्वच्छता: ओडीएफ 120

आईसी और व्यवहार परिवर्तन 100

क्षमता निर्माण 100

इनोवेशन एवं बेस्ट प्रैक्टिस 120

सिटीजन फीडबैक 200

तीन भागों में बांटा गया

नगर विकास मंत्री ने बताया कि परीक्षा में मूल्यांकन तीन भागों के आधार पर होगा। पहले में स्वच्छ भारत मिशन के उद्देश्यों के आधार पर वार्ड में किए गए कामों का मूल्यांकन किया जाएगा, वहीं दूसरे भाग में वाडरें में किए गए कुल कार्यो के आधार पर अंक दिए जाएंगे जबकि तीसरे भाग में होटल, स्कूल, अस्पताल, रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन की इन पांच श्रेणियों में स्वच्छता के मूल्यांकन को रखा गया है। उन्होंने यह भी बताया कि सबसे अधिक अंक पाने वाले वार्डो को पहले जिला में 23 दिसंबर को सम्मानित किया जाएगा फिर प्रदेश में बेहतर परफॉर्म करने वालों को अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म दिवस के मौके पर 25 दिसंबर को लखनऊ में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में सम्मानित किया जाएगा।

7 हजार वार्डो से उठ रहा कूड़ा

नगर विकास मंत्री ने बताया कि प्रदेश भर में कुल 12007 वार्डो में करीब सात हजार वार्डो में डोर टू डोर कचरा कलेक्ट किया जा रहा है। शहरों को खुले में शौच मुक्त बनाने के लिए 730294 व्यक्तिगत टॉयलेट बनवाए जा चुके हैं जबकि 141580 निर्माणाधीन हैं। 22900 सामुदायिक टॉयलेट और 22728 सार्वजनिक टॉयलेट बनवाए गए हैं।