RANCHI: रांची नगर निगम और सिटी में सफाई करने वाली कंपनी एसेल इंफ्रा की एमएसडब्ल्यू के बीच उत्पन्न विवाद में रांची की जनता पिस रही है। शहर में साफ-सफाई नहीं होने के कारण लोग गंदगी और बदबू के बीच जीने को विवश हैं। वहीं, रांची नगर निगम और सफाई एजेंसी इस अव्यवस्था के लिए एक-दूसरे को दोषी ठहरा रहे हैं। एजेंसी कहती है कि उन्हें रेगुलर पेमेंट नहीं मिल रहा है। स्टाफ्स से काम करवाना मुश्किल हो रहा है। वहीं, नगर निगम का कहना है कि एजेंसी काम ही नहीं करना चाह रही है। अब तक शहर के बड़े इलाके में साफ-सफाई का काम भी शुरू नहीं हो पाया है।

एटूजेड कंपनी भी छोड़ दी थी काम

एमएसडब्ल्यू से पहले भी एटूजेड कंपनी को सफाई का काम सौंपा गया था। लेकिन विवादों के कारण ही कंपनी बीच में ही काम छोड़कर चली गई। ऐसे में अगर एमएसडब्ल्यू भी काम छोड़कर जाती है, तो कोई चौंकने वाली बात नहीं होगी।

आमने-सामने।

हमलोग तो काम करना चाहते हैं, लेकिन नगर निगम ही काम नहीं करने दे रहा। अब ख्0 करोड़ रुपए खर्च करने के बाद भी हमें रेगुलर पेमेंट नहीं दिया जा रहा है। 9 महीने में ख्भ् परसेंट भी पेमेंट का भुगतान नहीं किया गया है। ऐसे में स्टाफ्स काम करने को तैयार नहीं हैं। वहीं, हमें पेमेंट देने की बजाय केवल काम पर काम बताया जा रहा है। अभी तक तो हमें न डिबार किए जाने की कोई चिट्ठी मिली है और न ही तीन वार्ड वापस लेने की। इसलिए हमारे स्टाफ्स अपना काम जारी रखे हुए हैं।

-अरुण सिंह, संचालक, एसेल इंफ्रा एमएसडब्ल्यू

एजेंसी काम ही नहीं करना चाहती है। हर बार पेमेंट का बहाना कर काम बंद कर दे रही है। अभी कुछ वार्ड ही कंपनी ने कवर किया है, उसमें भी ढंग से काम नहीं कर पा रही है। ऐसे में तो पूरा वार्ड कवर करने में काफी समय लग जाएगा। अगर कंपनी काम नहीं करना चाहती है, तो जा सकती है। सिटी को साफ और स्वच्छ बनाने के लिए दूसरा आप्शन देखा जाएगा। धीरे-धीरे कंपनी से हम काम वापस ले लेंगे और हमारे स्टाफ्स को सफाई में लगाया जाएगा।

-आशा लकड़ा, मेयर, रांची

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पहले भी एजेंसी को काम दिया गया था। लेकिन वह भी ढंग से काम नहीं कर पाई और बीच में ही काम से उसे हटा दिया गया। फिर नई एजेंसी को काम दिया गया तो उसे भी हटाने की तैयारी है। ऐसे में कभी भी सिटी साफ नहीं हो पाएगी।

क्या नगर निगम एक एजेंसी को काम नहीं दे सकता है। अगर ऐसे ही बार-बार एजेंसी बदलती रही तो निगम को तो फायदा हो रहा है। उसे तो पैसे नहीं चुकाने पड़ते और एजेंसी बदल देता है। लेकिन कचरा नहीं उठने से परेशानी तो हमें होती है।

सफाई व्यवस्था तो फेल हो गई है। अब विवाद के कारण एजेंसी से काम भी वापस लिया जा रहा है। आखिर रांची नगर निगम चाहता क्या है। अगर एजेंसी को रखना है तो उसे काम और पैसे तो देने होंगे। लेकिन यहां तो बस बदलने का काम चल रहा है।