-दो हजार से ऊपर बकायदारों के कनेक्शन काट रहा पीवीवीएनएल
-इंडस्ट्रियल और सरकारी बकाएदारों पर नरमी दिखा रहा विभाग
-शहर में एक लाख से ऊपर के 327 कंज्यूमर्स पर कार्रवाई नहीं
Meerut । छोटे कंज्यूमर्स पर डंडा चलाने वाला पीवीवीएनएल बड़े बकाएदारों पर पूरी दरियादिली दिखा रहा है। यही कारण है कि विभाग जहां दो हजार से ऊपर बिल बकाया होते ही छोटे कंज्यूमर का कनेक्शन काट रहा है, वहीं एक लाख से ऊपर के बकाएदारों पर पूरी को पूरी छूट दी जा रही है। चौंकाने वाली बात तो यह है कि विभाग की ओर से बड़े बकाएदारो पर कार्रवाई तो दूर उनको नोटिस तक नहीं दे रहा है।
बड़े बकाएदारों पर मेहरबानी
दरअसल, पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम इस समय राजस्व वसूली के लिए तरह-तरह के अभियान चला रहा है। इन अभियानों में एक डिस्कनेक्शन भी शामिल है। डिस्कनेक्शन के अंतर्गत उन कंज्यूमर्स के कनेक्शन काटने की कार्रवाई की जा रही है, जिनका बिल दो हजार रुपए से अधिक हो चुका है।
300 की पेनाल्टी
एक और जहां बड़े बकाएदारों पर रहमदिली दिखाई जाती है, वहीं छोटे और मझौले कंज्यूमर्स का महीने का भी बिल चुकता न होने पर 300 रुपए की पेनाल्टी ठोक दी जाती है। ऐसे में डिस्कनेक्शन के बाद जब कंज्यूमर अपने कनेक्शन जुड़वाता है तो उससे 300 रुपए पेनाल्टी वसूल की जाती है।
घरेलू कंज्यूमर्स --
डिवीजन कंज्यूमर्स बकाया (लाख में)
फर्स्ट 34 119.82
सेकेंड 57 310.64
थर्ड 35 87.87
फोर्थ 5 11.42
कमर्शियल कंज्यूमर्स --
डिवीजन कंज्यूमर्स बकाया (लाख में)
फर्स्ट 34 87.20
सेकेंड 27 93.67
थर्ड 17 52.36
फोर्थ 10 24.42
इंडस्ट्रियल कंज्यूमर्स --
डिवीजन कंज्यूमर्स बकाया (लाख में)
फर्स्ट 88 158.57
सेकेंड 6 71.83
थर्ड 12 37.48
फोर्थ 2 4.28
क्यों नहीं होती कार्रवाई --
विभागीय सूत्रों की मानें तो बड़े बकाएदार केवल नाम के बकाएदार नहीं उनके काम और पहुंच भी बड़ी है। यही कारण है कि विभाग उन पर हाथ डालने से घबराता है। कर्मचारियों के मानें तो ऐसे कंज्यूमर्स में सबसे अधिक संख्या राजनेताओं, दबंगों, वकीलों और सरकारी अधिकारियों की है। हालांकि कई बार बिल गलत आने और मकान बंद होने की स्थिति में भी विभाग बिल चुकता करने में विलंब होने की दुहाई देता है।
विभाग अपने कंज्यूमर्स में कोई भेदभाव नहीं करता। बड़े कंज्यूमर्स की लिस्ट बनाई जा रही है। बिल भुगतान नहीं किया तो कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
-आरके राणा, एसई अर्बन मेरठ