-दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के स्टिंग ऑपरेशन में हुआ खुलासा

PATNA: बिहार सरकार हर स्तर पर भ्रष्टाचार रोकने के लिए कार्य कर रही है जबकि राजधानी में ही सरकारी कर्मी अपने भ्रष्ट आदतों से निकल नहीं पा रहे हैं। पटना में एक ऐसा बोर्ड है जहां सर्टिफिकेट और मार्कशीट निकलवाने के लिए स्टूडेंट्स को निर्धारित शुल्क के अलावा 150 रुपए सेवा शुल्क यानी चढ़ावा देना पड़ता है। ये शुल्क वहां के कर्मचारी स्टूडेंट्स से डंके की चोट वसूलते हैं। जी हां, ये बोर्ड है बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड। सेवा शुल्क वसूलने की शिकायत दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के पास कई दिनों से मिल रही थी। रियलिटी चेक करने के लिए रिपोर्टर जब स्टूडेंट बनकर संस्कृत बोर्ड पहुंचा तो किस तरह वहां पैसे मांगने की परतें खुलती गई। आज इस स्पेशल स्टोरी में आप भी पढि़ए।

सेवा शुल्क बिना नहीं लेते आवेदन

बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड कार्यालय में अगर कोई स्टूडेंट्स सर्टिफिकेट या मार्कशीट की दूसरी कॉपी या नाम में सुधार करवाने पहुंचते हैं तो मौजूद कर्मचारी काम कराने के एवज में 150 रुपए सेवा शुल्क के रूप में मांगते हैं। यह शुल्क नहीं देने पर कर्मचारी आवेदन लेने से ही इनकार कर देते हैं। ऐसे में स्टूडेंट्स इधर-उधर भटकते रहते हैं। क्योंकि संस्कृत बोर्ड ऑफिस में आवेदन जमा करने के लिए कोई अतिरिक्तकाउंटर की व्यवस्था ही नहीं है।

इस तरह हुआ खुलासा

शिकायत मिलने पर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम मध्यमा के स्टूडेंट बनकर संस्कृत बोर्ड ऑफिस पहुंचा। वहां मौजूद कर्मचारी से मार्कशीट की दूसरी कॉपी निकलवाने की बात कही। कर्मचारी इसके एवज में निर्धारित शुल्क के अलावा 150 रुपए अतिरिक्तशुल्क मांगने लगे। जो हमारे खुफिया कैमरे में रिकॉर्ड हो गया।

रिपोर्टर- मार्कशीट की दूसरी कॉपी

निकलवानी है।

कर्मचारी- कहां से आए हैं?

रिपोर्टर - पटना से ही आया हूं।

कर्मचारी- हां, निकल जाएगा बोलिए।

रिपोर्टर - इसके लिए क्या करना होगा, इसकी क्या प्रक्रिया है।

कर्मचारी - इसके लिए आवेदन और शुल्क जमा करना होगा।

रिपोर्टर - कितना शुल्क जमा करना होगा?

कर्मचारी - 180 रुपए जमा करने पर रसीद काटकर दी जाएगी। साथ ही खुशी से कुछ और देना होगा।

रिपोर्टर - खुशी से क्या देना पड़ेगा?

कर्मचारी- 150 रुपए कम से कम दीजिए।

रिपोर्टर - ये 150 रुपए किस लिए ले रहे हैं?

कर्मचारी - किसी बात के लिए नहीं ऐसे ही लगता है।

रिपोर्टर - मगर ये तो गलत है न?

कर्मचारी - आपका काम कराऊंगा इसलिए चाय-पानी के लिए मांग रहा हूं।

रिपोर्टर - आज काम हो जाएगा?

कर्मचारी - नहीं आज नहीं होगा मगर मैं कराकर रख लूंगा।

रिपोर्टर - क्या गारंटी है आप काम करा देंगे?

रिपोर्टर - मैं बोर्ड के सचिव का चपरासी हूं इसलिए भरोसा करिए।

रिपोर्टर - तो जल्दी भी करा सकते हैं काम?

कर्मचारी - कन्ट्रोलर के आने के बाद तुरंत आपका काम हो जाएगा।

रिपोर्टर - कन्ट्रोलर छुट्टी पर हैं क्या?

कर्मचारी - मंगलवार तक कन्ट्रोलर आ जाएंगे।

सर्टिफिकेट बनाने के एवज में एक्स्ट्रा पैसा कोई नहीं ले रहा है। ऐसी कोई सूचना मेरे पास नहीं है। रही बात आवेदन जमा करने की तो कन्ट्रोलर मंगलवार तक आएंगे तो जमा हो जाएगा।

-अनिल कुमार,

सचिव, बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड, पटना