क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट की फिर से होगी सर्जरी

विरोध के चलते एक्ट में बदलाव करने को लेकर होगी बैठक

DEHRADUN:

स्वास्थ्य विभाग क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट की फिर से सर्जरी करने की तैयारी में है। आईएमए के ऐतराज के बाद क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट में मानकों में दोबारा बदलाव किया जाना तय है। आपको बता दें कि क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट को लागू करने की डेडलाईन फ्क् मार्च रखी गई थी। जो फिर से आगे बढ़ाई जा चुकी है। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि एक हफ्ते में बैठक कर एक्ट को लागू कर दिया जाएगा।

प्रशासन बदलाव को मजबूर

लगता है सूबे में प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी रोकने और मेडिकल सुविधाओं को सुधारने के लिए बनाए जा रहे क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट को लागू करने के लिए प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी पूरी होने जा रही है। एक बार फिर स्वास्थ्य महकमा क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट में जरूरी मानकों में बदलाव करने जा रहा है। जिसके लिए विभाग की ओर से होमवर्क भी किया जा चुका है। विभाग का दावा है कि अगले हफ्ते तक क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट को लेकर प्रशासन और आईएमए के साथ बैठक कर फाइनल प्रारूप तैयार कर लागू कर दिया जाएगा।

फ्क् मार्च थी डेडलाइन

गौरतलब है कि क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट को लागू करने की डेडलाइन फ्क् मार्च रखी गई थी, लेकिन आईएमए के पदाधिकारियों द्वारा विरोध करने के बाद एक्ट में कुछ बदलाव करने का निर्णय लिया गया है। पूर्व सीएम हरीश रावत से मिलने के बाद इस एक्ट की पहली सर्जरी की गई। इसके बाद आईएमए के सदस्यों और प्राइवेट अस्पतालों ने फिर एक बार प्रशासन और नई सरकार से मिलकर अपना विरोध जताया। जिसके बाद एक बार फिर क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट की सर्जरी किए जाने की तैयारी है। विभागीय सूत्रों का दावा है कि आईएमए के सदस्यों ने पर्यावरण विभाग की एनओसी, समेत कई अन्य मानकों पर ऐतराज जताया है। जिस पर विभागीय तरीके से प्रोसेस की जा रही है।

वर्जन--

अभी भी कुछ मानकों को लेकर आईएमए के सदस्यों ने एतराज जताया है। जिसे अगली बैठक तक सुलझा लिया जाएगा। अगले हफ्ते तक बैठक कर एक्ट लागू कर दिया जाएगा।

डॉ। वाईएस थपलियाल, सीएमओ

क्या है एक्ट--

-- मान्यता प्राप्त चिकित्सा प्रणाली एमबीबीएस, बीडीएस, बीएएमएस, बीयूएमएस, बीएचएमएस, बीएसएमएस, योग, नेचुरोपैथी के डिग्रीधारकों से संचालित संस्थानों का जिला रजिस्ट्रीकरण प्राधिकरण में पंजीकरण किया जाएगा।

- उत्तराखंड क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट परिषद का गठन किया जाएगा। सभी पंजीकृत संस्थाओं को एक्ट ख्0क्0 (रजिस्ट्रीकरण और विनियमन) के तहत नियमों को लागू करना होगा। एक्ट के अनुसार सभी सरकारी, केंद्रीय, राज्य या स्थानीय निकाय स्थापित, नियंत्रित और प्रबंधन वाले संस्थानों का पंजीकरण मुफ्त होगा।