-करीब 1.2 करोड़ की लागत से जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण होना था घंटाघर का

-क्लॉक टावर के रेट्रोफिटिंग के लिए ब्रिडकुल को दिया गया था 40 लाख का काम

देहरादून, पहले से ही अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा दून का दिल घंटाघर फिर से बैठने लगा है। करीब 1.2 करोड़ की लागत से नए स्वरूप में तैयार करने के लिए टेंडर भी हुए, काम भी शुरू हुआ, लेकिन अब तक घंटाघर का जीर्णोद्वार व सौंदर्यीकरण का काम हवा में झूल रहा है। ब्रिडकुल ने रेट्रोफिटिंग का कार्य पूरा कर दिया है, लेकिन घंटाघर पर न तो नई घडि़यां लग पाई और न ही पुरानी घडि़यों की मरम्मत हो पाई। वहीं क्लॉक टावर के चारों तरफ सौंदर्यीकरण का काम भी शुरू नहीं हो पाया। जबकि एक माह पहले टेंडर जारी हो चुके हैं।

10 लाख की राशि बाकी

वर्षो से घंटाघर जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है। निगम प्रशासन के प्रयास से घंटाघर के जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण को लेकर 1.2 करोड़ की राशि का इंतजाम हो पाया। बताया जा रहा है कि करीब 80 लाख रुपए की धनराशि की व्यवस्था अकेले ओएनजीसी की तरफ से भी हुई। घंटाघर के रेट्रोफिटिंग का काम सरकारी एजेंसी ब्रिडकुल को सौंपा गया था। ब्रिडकुल ने चमोली एसोसिएट्स को कार्यदायी संस्था के तौर पर जिम्मेदारी सौंपी। हालांकि घंटाघर के मरम्मतीकरण के लिए आईआईटी रुड़की की रिपोर्ट की भी मदद ली गई। ब्रिडकुल को 40 लाख रुपए के टेंडर जारी हुए। ब्रिडकुल ने घंटाघर के रेट्रोफिटिंग का काम करीब तीन माह पहले पूरा कर दिया है। ब्रिडकुल के अधिकारियों की मानें तो अब निगम प्रशासन की तरफ से करीब 28-29 लाख रुपए जारी हो चुके हैं। बाकी धनराशि अभी बकाया है।

निगम प्रशासन टेंडर की शर्तो पर अड़ा

बताया जा रहा है कि जिस वक्त निगम प्रशासन ने ब्रिडकुल को घंटाघर के जीर्णोद्धार का टेंडर दिया था, उस वक्त टेंडर की शर्तो के मुताबिक घंटाघर की छह घडि़यों का सुदृढ़ीकरण भी शर्तो में शामिल था। ब्रिडकुल का कहना है कि लागत बढ़ जाने के कारण घडि़यां लगाना संभव नहीं हो पा रहा है। इसका एस्टीमेट ब्रिडकुल ने निगम प्रशासन को भेज दिया है। लेकिन निगम अब इस पर अब तक कोई निर्णय नहीं ले पाया है। ऐसे में घंटाघर की घडि़यों की मरम्मतीकरण का मसला भी अधर में फंसता दिख रहा है। निगम प्रशासन का कहना है कि टेंडर की शर्तो के अनुसार ब्रिडकुल को घडि़यां भी तैयार कर देनी हैं। फिलहाल, आज ब्रिडकुल के अधिकारी इस मसले पर नगरआयुक्त से मुलाकात करेंगे।

सौंदर्यीकरण का काम बाकी

बताया जा रहा है कि घंटाघर के चारों तरफ होने वाले सौंदर्यीकरण के लिए निगम ने एक माह पहले टेंडर जारी कर दिए हैं। दून की ही एक कंसल्टेंट एजेंसी को काम दिया गया है। लेकिन अब तक सौंदर्यीकरण का काम शुरू नहीं हो पाया है। हालांकि नगर आयुक्त का कहना है कि जल्द ही सौंदर्यीकरण का काम शुरू कर दिया जाएगा।

निगम ने भेजा ब्रिडकुल को पत्र

निगम प्रशासन ने ब्रिडकुल को पत्र भेजकर कहा है कि घंटाघर के जीर्णोद्धार के दौरान प्रयोग में लाए गए सामग्री को वह क्लॉक टावर से हटा ले। हालांकि इसमें बकाया धनराशि अवमुक्त करने का कोई जिक्र नहीं है। ब्रिडकुल के अधिकारियों के मुताबिक घडि़यों की लागत ज्यादा होने के कारण घडि़यों का कार्य अधर में लटका हुआ है।

-टेंडर के हिसाब से ब्रिडकुल को क्लॉक टावर की घडि़यां भी संचालित करनी थी, लेकिन नहीं की हैं। यह ब्रिडकुल को देखना है।

विजय कुमार जोगदंडे

नगर आयुक्त।

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