- जोन के छह हजार बदमाश बिगाड़ सकते हैं माहौल

- आईजी ने बदमाशों की गिरफ्तारी को दिए सख्त निर्देश

- पांच सौ से अधिक गैंग के मेंबर्स को पकड़ने की तैयारी

- जेल और बाहर मौजूद बदमाशों पर रखी जाएगी नजर

Meerut : चुनावी समर शुरू हो चुका है। इसके साथ ही नेताओं के दिलों की धड़कनें भी बढ़ गई हैं। वहीं पुलिस वालों की धड़कनें भी बदमाशों को लेकर बढ़ी हुई हैं। चुनाव में ये बदमाश कुछ भी कर सकते हैं। चुनावी माहौल बिगाड़ सकते हैं। एक ओर जहां नकली नोट, अवैध शराब और अवैध हथियारों की खेप पकड़ी जा रही हैं, वहीं बदमाशों पर नजरें भी तेज होती जा रही हैं। संबंधित क्राइम करने वालों की तलाश हो रही है। इनमें बहुत सारे बदमाश पुलिस की पकड़ से दूर हैं।

छह हजार बदमाश

जोन के आठ जिलों में हजारों बदमाश मौजूद हैं। इनमें मेरठ, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, गाजियाबाद, बागपत, सहारनपुर, गौतमबुद्ध नगर और हापुड़ सहित आठ जिलों में पांच सौ से अधिक रजिस्टर्ड गैंग हैं। रेंज के छह जिलों में ही ब्0म् गैंग हैं और तीन हजार से अधिक बदमाश हैं। जोन की बात करें तो सभी गैंग के बदमाश और इनमें अलग-थलग बिखरे बदमाशों की संख्या करीब छह हजार है। साथ ही सैकड़ों बदमाश इस वक्त जेल में भी हैं। इन सभी बदमाशों पर पुलिस की नजरें तेज हो गई हैं।

बदमाशों की स्थिति

मेरठ रेंज के बदमाशों की बात करें तो गाजियाबाद में बदमाशों के सबसे अधिकगैंग हैं। गाजियाबाद में रजिस्टर्ड गैंग की संख्या क्भ्8 है। इसके बाद गौतमबुद्ध नगर में रजिस्टर्ड बदमाशों के गैंग क्00 हैं। हापुड़ में रजिस्टर्ड गैंग ब्9, मेरठ में ब्क्, बुलंदशहर में ब्ख् और बागपत में क्म् बदमाशों के गैंग हैं। कुल मिलाकर ब्0म् गैंग रेंज में हैं। इन गैंग में ही दो हजार से अधिक बदमाश हैं। इसके अलावा सैकड़ों की संख्या उन बदमाशों की है, जिनको पुलिस गैंग की संज्ञा नहीं दे पा रही। पुलिस के अनुसार पूरे जोन में करीब छह हजार बदमाश हैं।

चुनाव में बढ़ी चिंता

आईजी जोन के आलोक शर्मा संबंधित जिलों में मौजूद करीब छह हजार बदमाशों को लेकर परेशान हैं। चुनाव में इन बदमाशों पर खासी नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही कई टीमें इनकी धरपकड़ को बनाई गई हैं। वहीं जेल में बंद सैकड़ों खूंखार बदमाशों पर भी पुलिस की नजरें टिकी हैं। जो जेल से बैठे हुए कुछ भी कर सकते हैं। जेल से बाहर बदमाश बड़ी वारदात को अंजाम दे सकते हैं। आईजी का कहना है कि इन बदमाशों के जमानतियों और इनके सगे संबंधियों पर नजर रखी गई हैं। सर्विलांस टीम और थानों की संबंधित टीमें बनाई गई हैं। नकली नोटों की सप्लाई, अवैध हथियारों की तस्करी और अवैध शराब पर रोक लगाने में जुटी है।