एनसीईआरटी पाठ्यक्रम अपनाने के बाद बोर्ड ने लिया निर्णय

नए सत्र से लागू होगी यूपी बोर्ड में नई व्यवस्था

ALLAHABAD: यूपी बोर्ड में नए सत्र से पाठ्यक्रम में बड़े स्तर पर बदलाव दिखाई देगा। इसमें सबसे बड़ा बदलाव हाईस्कूल में प्रारंभिक गणित का विकल्प खत्म किया जाना है। इसके बाद सभी स्टूडेंट्स को गणित विषय की पढ़ाई करके परीक्षा देनी होगी। बोर्ड प्रशासन को एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम अपनाने की वजह से यह निर्णय लेना पड़ा है। शासन की मंजूरी के बाद इसे गजट कराया जा रहा है।

20 साल के बाद विषय में बदलाव

माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड में पहले वर्गवार यानि विज्ञान, कला व वाणिज्य आदि के हिसाब से विषय रहे हैं। ईश्वर भाई पटेल कमेटी ने इसमें बदलाव कर यह निर्देश दिया कि अब हाईस्कूल में सभी को विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, गणित आदि की पढ़ाई करनी होगी। यह नियम 1982 में लागू हुआ, तब गणित-1, गणित-2 आदि विषय तय हुए और उसकी 1984 में परीक्षा हुई। इसके बाद 1998 में शासन ने फिर बदलाव किया। उसी समय हाईस्कूल में गणित और प्रारंभिक गणित लागू हुई। प्रारंभिक गणित में पुराने पैटर्न की विषयवस्तु रही है और वह गणित से कुछ सरल भी थी। अमूमन जिन छात्रों को इंटर में विज्ञान की पढ़ाई करनी होती थी वे केवल गणित लेते रहे हैं।

प्रस्ताव पर मुहर, विनिमय संशोधित

शासन के उप सचिव संतोष कुमार रावत की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम 1921 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे गई है। अब एक अप्रैल से शुरू हो रहे 2018-19 शैक्षिक सत्र में जो छात्र कक्षा नौ में प्रवेश लेंगे उन्हें प्रारंभिक गणित विषय का विकल्प नहीं मिलेगा। वहीं, 2017-18 में कक्षा नौ में जिन छात्रों ने प्रारंभिक गणित विषय लिया था उनके लिए 2019 में हाईस्कूल की बोर्ड परीक्षा कराई जाएगी।

छात्राओं को गृह विज्ञान का विकल्प

यूपी बोर्ड ने हाईस्कूल से प्रारंभिक गणित विषय खत्म करने के साथ ही छात्राओं का पूरा ध्यान रखा है। उनके लिए जरूरी नहीं है कि वे गणित ही पढ़ें। वे गृह विज्ञान लेकर परीक्षा उत्तीर्ण कर सकती हैं। वहीं, 2018 की हाईस्कूल परीक्षा में प्रारंभिक गणित लेने वाले एक लाख 48 हजार 755 व केवल गणित लेने वाले परीक्षार्थियों की संख्या 25 लाख 21 हजार 353 रही है। यूपी बोर्ड सचिव नीना श्रीवास्तव का कहना है कि एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू होने के बाद प्रारंभिक गणित का औचित्य खत्म हो गया है।