- जेल में क्षमता से कई गुना अधिक हैं कैदी

- भीषण गर्मी में सोने के लिए भी नहीं मिल रही जगह

- गर्मी की वजह से हो रहा विवाद, अधिकारियों से शिकायत

GORAKHPUR: भीषण गर्मी और चिलचिलाती धूप में जेल में बंद कैदी परेशान हैं। बैरक में क्षमता से अधिक भीड़ होने की वजह से उनकी मुश्किलें और बढ़ती जा रही हैं। ऐसे में गर्मी में कैदी आए दिन आपस में ही बवाल कर रहे हैं। वहीं, गर्मी से निजात पाने के लिए जेल के बैरकों में पर्याप्त पंखे भी नहीं हैं। जो हैं भी उनमें कई खराब रहते हैं या फिर मरम्मत के अभाव में वह ठीक हवा भी नहीं दे पा रहे। जिससे कैदियों के लिए तपिश भरे दिन व उमस भरी रातें काटना बेहद मु्श्किल हो गया है। हालत यह है कि क्षमता से कई गुना अधिक बंदी होने से उन्हें सोने व बैठने के लिए भी पर्याप्त जगह नहीं मिल पा रही। कई कैदियों ने इसकी शिकायत भी जेल प्रशासन से की है। बावजूद इसके फिलहाल उनकी समस्या का कोई समाधान नहीं निकाला जा सका है।

क्षमता से दोगुने हैं बंदी

सिर्फ गोरखपुर जेल में कुल 1802 बंदी हैं। जबकि जेल की क्षमता महज 822 बंदियों की है। इनमें से करीब 300 सजायाफ्ता हैं। यानी कि उन्हें जमानत की भी कोई उम्मीद नहीं है। जेल सूत्रों के मुताबिक इसमें 60 से अधिक मरीज हैं। इसमें से कुछ कैदियों की दवा भी चल रही है। जबकि करीब 100 से अधिक वृद्ध हैं। इससे वह अधिक भीड़ बर्दाश्त नहीं कर पाते हैं। वहीं, डॉक्टर्स की राय में इस मौसम में आमतौर पर सर्दी-जुकाम, अपच, डी-हाइड्रेशन जैसी समस्याओं को झेलना पड़ता हैं। ऐसे में व्यक्ति का विशेष ख्याल न रखा जाए तो यह रोग व्यक्ति के लिए जानलेवा साबित हो सकते हैं।

पड़ रहे बीमार

जेल में गोरखपुर के अलावा देवरिया, कुशीनगर और गैर प्रांतों के कैदी बंद हैं। जेल प्रशासन बंदियों को लेकर लापरवाह बना हुआ है। बंदियों को इस भीषण गर्मी में पर्याप्त पंखे और सोने-बैठने को जगह भी नहीं मिल पा रही है जिससे वह बीमार पड़ रहे हैं। मंगलवार को जेल में बंद कैदियों से मिलकर बाहर आए लोगों ने दैनिक जागरण आई नेक्स्ट से नाम नहीं छापने की शर्त पर जेल प्रशासन की अनदेखी का खुलासा किया। लोगों ने बताया कि कई कैदी इस भीषण गर्मी में बीमार हैं। वह जेल के नियमानुसार खाना तो ले लेते हैं, लेकिन खाने में लेट करने की वजह से कई बार खाना खराब हो जाता है। जिससे अपच व डी-हाइड्रेशन जैसी बीमारियां फैल रही हैं। वहीं, जेल प्रशासन उनके इलाज को लेकर भी गंभीर नहीं है। इससे उनका मर्ज और बढ़ता जा रहा है। कैदियों के परिजनों ने बताया कि कई तो ऐसे कैदी हैं, जिनसे मिलने कोई नहीं आता। ऐसे में वह बैरक में बंद अन्य साथियों की मदद से दिन काट रहे हैं।

आपस में कर रहे हंगामा

जेल सूत्रों के मुताबिक जेल के बैरकों में कैदियों के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। नए कैदियों को जगह बनाने में कई-कई दिन लग जाते हैं। ऐसे में जगह न मिलने तक वह बैरकों में इधर-उधर बैठकर रात गुजार रहे हैं। वहीं, इस चिलचिलाती गर्मी में अत्याधिक भीड़ होने की वजह से बैरकों की तपिश और बढ़ जा रही है। इससे कैदियों में लगातार गुस्सा भी बढ़ता जा रहा है। वह आए दिन किसी न किसी बात को लेकर आपस में हंगामा कर रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि बीते 15 दिनों के अंदर कैदी करीब आधा दर्जन बार बवाल कर चुके हैं। हालांकि बंदी रक्षकों की सतर्कता व सक्रियता की वजह से फिलहाल कोई बड़ा बवाल नहीं हो सका है।

वर्जन

जेल के सभी बैरकों में पर्याप्त पंखे की व्यवस्था है। अगर कोई पंखा खराब होता है तो उसे तत्काल ठीक कराया जाता है। यह सही है कि क्षमता से अधिक कैदी होने से बंदियों को थोड़ी समस्या जरूर होती है, लेकिन उनकी समस्या का निस्तारण करने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है।

- डॉ। रामधनी, वरिष्ठ जेल अधीक्षक